शिंदे और भाजपा ने जरांगे से गणेश उत्सव को देखते हुए मुंबई में हड़ताल टालने की अपील की

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-08-2025
Shinde and BJP appeal to Jarange to postpone strike in Mumbai in view of Ganesh festival
Shinde and BJP appeal to Jarange to postpone strike in Mumbai in view of Ganesh festival

 

मुंबई

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मराठा आरक्षण आंदोलनकारी मनोज जरांगे से अपील की है कि वे गणेश उत्सव के दौरान मुंबई में प्रस्तावित प्रदर्शन और हड़ताल पर पुनर्विचार करें और सरकार के साथ बातचीत का रास्ता अपनाएँ।

शिंदे ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने जरांगे के करीबियों को इस संबंध में संदेश भेजा है। उन्होंने कहा कि 43 वर्षीय जरांगे को अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन का अधिकार है, लेकिन उन्हें गणेश उत्सव और मुंबई में उसके भव्य आयोजन को भी ध्यान में रखना चाहिए।

सरकार की ओर से पहल

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) राजेंद्र साबले पाटिल, सोमवार को जालना जिले के अंतरवली सराटी गाँव में जरांगे से मिले। उन्होंने आंदोलन स्थगित करने का आग्रह किया और यह जानकारी भी ली कि प्रदर्शनकारी किस मार्ग से मुंबई पहुँचने की योजना बना रहे हैं।

जरांगे की चेतावनी

जरांगे मराठा समुदाय को कुनबी जाति (अन्य पिछड़ा वर्ग) में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, ताकि उन्हें शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिल सके। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को 10% आरक्षण लागू करने के लिए 26 अगस्त तक का अल्टीमेटम दिया है। जरांगे ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे 27 अगस्त, गणेश चतुर्थी से मुंबई की ओर पदयात्रा करेंगे और 29 अगस्त को आज़ाद मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करेंगे।

भाजपा की अपील

भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने जरांगे से अपील की कि वे मुंबई में रैली और हड़ताल पर पुनर्विचार करें। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा,
“जरांगे जी, हमारा और आपका रुख एक जैसा है। आपने समुदाय के मुद्दों को संवैधानिक तरीके से उठाने का जो निर्णय लिया है, वह स्वागत योग्य है। आंदोलन से अधिक, रचनात्मक संवाद ही सबसे उचित रास्ता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार मराठा समाज को न्याय दिलाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

उपाध्याय ने याद दिलाया कि मुख्यमंत्री रहते हुए देवेंद्र फडणवीस ने मराठा समाज को आरक्षण दिया था, उसे उच्च न्यायालय में बनाए रखा और सर्वोच्च न्यायालय में भी उसके लिए लड़ाई लड़ी थी।