पंजाबी मुस्लिम समाज की आवाज , शाही इमाम मौलाना उस्मान लुधियानवी नहीं रहे

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 10-09-2021
 शाही इमाम मौलाना उस्मान लुधियानवी नहीं रहे
शाही इमाम मौलाना उस्मान लुधियानवी नहीं रहे

 

आवाज  द वाॅयस / चंडीगढ़

पंजाब में मुस्लिम समाज की आवाज माने जाने वालेशाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी का लुधियाना में देर रात निधन हो गया. उनके निधन पर कई राजनेताओं ने शोक जताया है. मौलाना की मुस्लिम समाज पर काफी पकड़ मानी जाती थी.

मौलाना उस्मान लुधियानवी का अंतिम संस्कार 10 सितंबर को रात 8ः30 बजे फील्ड गंज चौक जामिया मस्जिद के बाहर ईशा की नमाज के बाद किया जाएगा.पंजाब के शाही इमाम ने करीब 12ः10 बजे सीएचसी में अंतिम सांस ली. वह कई दिनों से बीमार थे. इस बात की जानकारी उनके भाई हबीब-उर-रहमान ने दी.

शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी का अचानक जाना उनके परिवार और मुस्लिम समुदाय के लिए बड़ा झटका है. पंजाब के कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु, सांसद रोनित सिंह बुट्टो, विधायक सुरिंदर डावर, विधायक राकेश पांडे, मेयर बलकार सिंह सिंधु और अन्य नेताओं ने शाही इमाम के निधन पर दुख जताया है.

गौरतलब है कि शाही इमाम ने पंजाबी फिल्म ‘सफना’ के गाने ‘काबुल है‘ में ‘रसूल‘ शब्द के इस्तेमाल पर अभिनेता एमी वर्क और लेखक जॉनी के खिलाफ मार्च निकाला था. एक लड़की जसनूर ने रसूल शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे मुस्लिम समाज की धार्मिक भावनाएं आहत होती है, इसलिए एमी वर्क और लेखक जॉनी को माफी मांगनी चाहिए.

जसनूर ने इसकी शिकायत जामा मस्जिद लुधियाना के डिप्टी शाही इमाम मौलाना उस्मान लुधियानवी से भी की थी. हालांकि, एमी वर्क और जॉनी ने उनसे मुलाकात कर गलती के लिए माफी मांग ली थी. अभिनेता और लेखक के माफी मांगने पर शाही इमाम सहमत हो गए थे. मौलाना को पंजाबी मुस्लिम समुदाय की आवाज माना जाता है.