भारत में दोबारा इस्तेमाल होने वाले खाने के तेल पर गंभीर चिंता, एनएचआरसी ने लिया संज्ञान

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 25-10-2025
Serious concerns raised in India regarding the reuse of cooking oil; NHRC takes cognizance.
Serious concerns raised in India regarding the reuse of cooking oil; NHRC takes cognizance.

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
देशभर में दोबारा इस्तेमाल किए जाने वाले खाने के तेल (Used Cooking Oil) के खतरनाक चलन पर अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने संज्ञान लिया है। आयोग ने इस मामले में मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 12 के तहत नोटिस जारी कर संबंधित एजेंसियों से रिपोर्ट मांगी है।
 
भोपाल स्थित ‘सार्थक सामुदायिक विकास एवं जनकल्याण संस्था’ के संस्थापक द्वारा आयोग को की गई शिकायत में कहा गया कि देश में छोटे होटल, ढाबे और सड़क किनारे खाने के ठेले बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किए गए तेल को बार-बार तलने के लिए दोबारा इस्तेमाल करते हैं। यह तेल न केवल लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है, बल्कि पर्यावरण को भी प्रदूषित कर रहा है।
 
शिकायत में बताया गया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने “RUCO – Repurpose Used Cooking Oil” नामक अभियान चलाया था, ताकि इस्तेमाल किए गए तेल को बायोडीज़ल के रूप में दोबारा उपयोग में लाया जा सके। लेकिन जमीनी स्तर पर इस नीति का पालन नहीं हो रहा है। कई छोटे रेस्टोरेंट और ठेलेदार न केवल तेल को दोबारा उपयोग करते हैं, बल्कि उसे खुले बाजार में बेच भी देते हैं।
 
शिकायतकर्ता ने कहा कि ऐसे तेल के लगातार सेवन से कैंसर, हृदय रोग, और लिवर से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा, जब यह तेल फेंका जाता है, तो यह पानी और मिट्टी को प्रदूषित करता है, जिससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है।
 
आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कहा है कि यह केवल खाद्य सुरक्षा का मुद्दा नहीं, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और मानवाधिकार से जुड़ा मामला है। शिकायतकर्ता ने आयोग से आग्रह किया है कि वह संबंधित विभागों जैसे FSSAI, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम प्राधिकरणों को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दे।
 
उन्होंने सुझाव दिया है कि देशभर में अधिकृत तेल शुद्धिकरण केंद्र स्थापित किए जाएं और लोगों को जागरूक करने के लिए जनजागरूकता अभियान शुरू किए जाएं, ताकि नागरिक यह समझ सकें कि दोबारा उपयोग किए गए तेल से बने खाद्य पदार्थ कितने खतरनाक हैं।
 
एनएचआरसी ने शिकायत को 22 अक्टूबर 2025 को विचारार्थ रखा और कहा कि मामले की विस्तृत जांच की जाएगी। आयोग ने संबंधित एजेंसियों से रिपोर्ट तलब करते हुए यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।