आरएसएस प्रमुख भारत की जी20 अध्यक्षता की प्रशंसा करते हुए बोले , 'राष्ट्र पहले'

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 09-12-2022
आरएसएस प्रमुख
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नागपुर.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने गुरुवार को 'राष्ट्र पहले' सिद्धांत पर जोर देते हुए 'दुनिया में बड़ी भूमिका निभाने' के लिए भारत को दी गई जी20 अध्यक्षता की सराहना की. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने यहां कहा, "हमें पूरी दुनिया को एकजुट करने के लिए बहुत दूर जाना होगा.

जी20 प्रेसीडेंसी ने देश में लोगों के मनोबल को बढ़ाया है. लोगों ने महसूस किया है कि भारत दुनिया में पीछे नहीं है और 'विश्वगुरु' बनने की ओर अग्रसर है." विशाल रेशमबाग मैदान में तीसरे वर्ष के प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही भागवत ने कहा कि पूरी दुनिया नेतृत्व करने के लिए भारत की ओर देख रही है.

दुनिया को विश्वास है कि केवल भारत ही एक बेहतर दुनिया का मार्ग प्रशस्त कर सकता है. 'राष्ट्र पहले' के सिद्धांत को दोहराते हुए भागवत ने कहा कि भारत विविधता में एकता की भूमि है.

आरएसएस प्रमुख ने कहा, "हमारे संविधान ने हमें सामाजिक सुरक्षा दी है और इसलिए हमें वह चुकाना होगा जो राष्ट्र ने हमें दिया है. हमें सोचना चाहिए कि हम राष्ट्र को क्या और कैसे चुका सकते हैं.

भारत दुनिया को जीतने के लिए नहीं, बल्कि लोगों को एकजुट करने के लिए है. हमारी विशेषताएं और गुण दुनिया में संतुलन लाएंगे." भागवत ने आगे कहा कि लोगों के पूजा करने के अलग-अलग तरीके, अलग-अलग संस्कृति, कपड़े और भाषाएं हैं लेकिन 'दुनिया एक परिवार है'.

उन्होंने कहा, "हमारे स्वयंसेवकों को राष्ट्र के प्रति जो कुछ देना है, उसे चुकाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है और बिना प्रमाणपत्र की अपेक्षा के स्वयं प्रशिक्षण के लिए आते हैं." उन्होंने कहा, "हम भूमि, जल निकायों, जंगलों और इसके लोगों की देखभाल करने के लिए बाध्य हैं, जो संक्षेप में देश को पूरा करते हैं."

भागवत ने विविधता के बावजूद समाज में समरसता की जरूरत पर जोर दिया.