नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली में मंगलवार सुबह वायु गुणवत्ता बेहद चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सुबह करीब 8 बजे 413 दर्ज किया गया, जिसे ‘गंभीर (Severe)’ श्रेणी में रखा गया है। घने स्मॉग के कारण दृश्यता में भारी कमी आई और आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। आनंद विहार (466), चांदनी चौक (425) और अशोक विहार (444) जैसे क्षेत्र गंभीर श्रेणी में दर्ज किए गए। वहीं, इंडिया गेट, कर्तव्य पथ और राष्ट्रपति भवन के आसपास का इलाका भी जहरीले स्मॉग से ढका रहा, जहां AQI 384 रहा, जिसे ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा गया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में GRAP स्टेज-IV के तहत सभी कड़े कदम लागू कर दिए हैं। इसके तहत भारी प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सड़कें धोने, ट्रक-माउंटेड वाटर स्प्रिंकलर तैनात करने और अन्य आपात उपाय शुरू किए गए हैं।
AQI वर्गीकरण के अनुसार,
0–50 ‘अच्छा’,
51–100 ‘संतोषजनक’,
101–200 ‘मध्यम’,
201–300 ‘खराब’,
301–400 ‘बहुत खराब’
और 401–500 ‘गंभीर’ माना जाता है।
इस बीच, रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर काबू पाने के लिए कई सख्त फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले सभी स्रोतों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी।
सोमवार को दिल्ली सचिवालय में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक हुई, जिसमें पर्यावरण और परिवहन विभाग, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, लोक निर्माण विभाग (PWD) और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में निर्णय लिया गया कि PUC नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा और किसी भी तरह की छूट नहीं दी जाएगी। इसके अलावा, दिल्ली-एनसीआर में साझा इलेक्ट्रिक बस सेवाओं की संभावनाएं, ई-रिक्शा के लिए नए दिशा-निर्देश और DTC बस रूट्स के युक्तिकरण पर भी विचार किया गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियां, ठंडी हवा और स्थिर वातावरण प्रदूषण को और बढ़ा रहे हैं। फिलहाल नागरिकों को सतर्क रहने, गैर-जरूरी बाहर निकलने से बचने और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां बरतने की सलाह दी जा रही है।






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