देश में इस साल ब्लू-कॉलर कर्मचारियों की नियुक्ति 7.4 प्रतिशत बढ़ी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 11-12-2023
Blue-collar jobs
Blue-collar jobs

 

नई दिल्ली. देश में ब्लू-कॉलर कार्यबल में 2023 में नियुक्ति में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई जिसमें लॉजिस्टिक्स, निर्माण और रियल एस्टेट, टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी शानदार नौकरी के अवसरों के लिए टॉप सेक्टर के रूप में उभरे. नियुक्ति में वृद्धि के मामले में कोलकाता लीडिंग मेट्रो सिटी के रूप में उभरा. पुणे और चंडीगढ़ रोजगार के अवसरों में पर्याप्त प्रगति प्रदर्शित करते हुए टॉप-टियर 2 शहर रहे.

ग्लोबल मैचिंग और हायरिंग प्लेटफॉर्म इनडीड के अनुसार, एसएमबी की वृद्धि, शहरीकरण, बुनियादी ढांचे के विकास, सर्विस सेक्टर का विस्तार और लागत प्रभावी श्रम बाजार सहित कई फैकटर्स इन शहरों में बढ़ती नौकरी वृद्धि में योगदान दे रहे हैं.

इनडीड इंडिया के बिक्री प्रमुख शशि कुमार ने कहा, ''2023 में विशेष रूप से टियर-2 शहरों में नियुक्ति में पर्याप्त वृद्धि देखी गई. 2024 को देखते हुए, नई तकनीक अपनाने वाले संगठन उज्ज्वल भविष्य के लिए नौकरी चाहने वालों के बीच स्किल्स बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हैं.''

ब्लू-कॉलर नियोक्ताओं (49 प्रतिशत) ने 2023 में जनरेशन जेड टैलेंट (26 साल से कम उम्र वाले) की तलाश की, जबकि वाइट-कॉलर (41 प्रतिशत) ने मिलेनियल (27 से 41 की उम्र के) उम्मीदवारों की तलाश की.

डिजिटल लिटरेसी (27 प्रतिशत) और फिजिकल स्ट्रेंथ (83 प्रतिशत) दोनों भी प्राइमरी हार्ड और सॉफ्ट स्किल्स में से हैं जिनकी नियोक्ता भर्ती करते समय इच्छा रखते हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है, "इसके विपरीत, वाइट-कॉलर नियोक्ताओं द्वारा मिलेनियल भर्तियों के लिए प्राथमिकता उन कार्यों के लिए एक सूक्ष्म दृष्टिकोण का सुझाव देती है जिनके लिए एक्सपीरियंस और रिफाइन स्किल सेट की आवश्यकता हो सकती है."

निष्कर्षों से यह भी पता चला कि नियोक्ता नेक्स्ट-जनरेशन की टेक्नोलॉजी को अपनाने के लिए तैयार हैं. 42 प्रतिशत नियोक्ताओं ने 2024 में छोटे कदम उठाकर एआई के साथ एकीकरण शुरू करने में अपनी रुचि दिखाई, 19 प्रतिशत नियोक्ताओं ने बताया कि उन्होंने पहले ही इसे लागू कर दिया है. 

 

ये भी पढ़ें :  अनुच्छेद 370 हटाने के मोदी सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर
ये भी पढ़ें :   अदब में ज़ेहनी कैफियत खुल कर सामने आती है , बोले खालिद जावेद
ये भी पढ़ें :   उर्दू जबान अगर मेरी मादरी जबान नहीं होती, तो मैं रेडियो पर मकबूल नहीं होताः आरजे नावेद