राजौरी (जम्मू-कश्मीर)
राजौरी के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) ने नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) जम्मू-कश्मीर के सहयोग से एक दिवसीय प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम (पीडीपी) का आयोजन किया। यह कार्यक्रम मेहरा कैंपस के लेक्चर हॉल में आयोजित हुआ।
इस पहल का उद्देश्य पिर पंजाल क्षेत्र (राजौरी और पुंछ जिलों) के स्वास्थ्यकर्मियों की क्षमता, कौशल और तैयारी को बढ़ाना था ताकि आपदा-प्रवण और भौगोलिक रूप से कठिन इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत किया जा सके।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मिशन निदेशक, एनएचएम जेके, बसीर उल हक़ चौधरी रहे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों की क्षमता निर्माण से न केवल सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि कठिन परिस्थितियों में कार्यरत डॉक्टरों और स्टाफ का मनोबल भी बढ़ेगा। उन्होंने आयुष्मान भारत–हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पहल को रेखांकित करते हुए बताया कि अब प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में एनसीडी, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, उपशामक देखभाल और आपातकालीन सेवाओं का एकीकरण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “लक्ष्य केवल बीमारियों का इलाज करना नहीं, बल्कि समुदायों को स्वस्थ, सशक्त और स्वास्थ्य संकटों के प्रति बेहतर रूप से तैयार बनाना है।”
डॉ. यशपाल शर्मा, कार्यकारी निदेशक, माता वैष्णो देवी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस, कटड़ा, ने जेके सेहत ऐप को स्वास्थ्य सेवाओं को पारदर्शी, सुलभ और रोगी-हितैषी बनाने की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती और पहाड़ी इलाकों में जहां स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँचना मुश्किल है, वहां यह ऐप स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों के दरवाज़े तक पहुँचा रहा है।
इस मौके पर प्रतिभागियों को कई अहम विषयों पर प्रशिक्षित किया गया, जिनमें —
जेके सेहत ऐप: स्वास्थ्य कवरेज और पहुंच सुनिश्चित करना
आपदा प्रबंधन एवं अनुभव साझा करना
मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) में भारतीय सेना की भूमिका
एनएचएम के तहत व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा का क्रियान्वयन
जम्मू-कश्मीर में एनएचएम कार्यक्रमों की जानकारी
स्वास्थ्यकर्मियों के विरुद्ध हिंसा और रोकथाम के उपाय
प्राचार्य जीएमसी राजौरी, प्रो. (डॉ.) ए.एस. भाटिया ने कहा कि नियमित पेशेवर विकास से डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को क्षेत्र की विशेष चुनौतियों—जैसे प्राकृतिक आपदाएं—से निपटने की क्षमता मिलती है।
कार्यक्रम में डॉ. चंदर शेखर (HoD स्त्री एवं प्रसूति रोग, जीएमसी राजौरी), कर्नल अशोक कुमार (25 इन्फैंट्री डिवीजन), डॉ. हरजीत राय (स्टेट नोडल ऑफिसर, एनएचएम जेके), डॉ. मुश्ताक अहमद डार (डिविजनल नोडल ऑफिसर, एनएचएम कश्मीर), डॉ. जितेंद्र मेहता (प्रोग्राम मैनेजर, एनएचएम जेके), डॉ. शमीम अहमद (मेडिकल सुपरिटेंडेंट, एसोसिएटेड हॉस्पिटल जीएमसी राजौरी) सहित मेडिकल छात्र और कई अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन सभी अतिथियों, वक्ताओं और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए हुआ।