इंदौर
मध्य प्रदेश के इंदौर नगर निगम ने मुस्लिम बहुल इलाके में लगे उन साइनबोर्ड्स को हटा दिया है, जिन पर नई सड़कों के नाम लिखे थे। यह कदम एक भाजपा नेता की आपत्ति के बाद उठाया गया, जिन्होंने आरोप लगाया था कि ये नाम “एक विशेष धर्म से जुड़े हुए हैं”।
महापौर पुष्य मित्र भार्गव ने गुरुवार को कहा कि सड़कों का गैरकानूनी रूप से नामकरण करने के आरोप में वार्ड पार्षद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय, जो प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र हैं, ने नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा को पत्र लिखकर दावा किया था कि चंदन नगर क्षेत्र की कुछ सड़कों के नाम एक विशेष धर्म के आधार पर बदले गए हैं।
उन्होंने कहा कि निगम कर्मचारियों ने “बदले हुए नामों” वाले साइनबोर्ड लगा दिए हैं और चेतावनी दी कि यदि इन्हें तुरंत नहीं हटाया गया तो आंदोलन किया जाएगा।
महापौर भार्गव ने बताया कि वार्ड क्रमांक-2 की पार्षद फातिमा रफीक खान ने कथित तौर पर पांच सड़कों का अवैध रूप से नाम बदलकर निगम कर्मचारियों से बोर्ड लगवा दिए। बाद में ये बोर्ड हटा दिए गए और पार्षद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
पार्षद के पति रफीक खान ने आरोपों से इनकार किया। उनका कहना था कि उन्होंने और उनकी पत्नी ने दो वर्ष पहले निगम से अनुरोध किया था कि घनी आबादी वाले इलाके में सुविधा के लिए साइनबोर्ड लगाए जाएं।
उन्होंने कहा कि निगम ने वे बोर्ड लगाए थे जिनके नाम लगभग 40 वर्षों से प्रचलन में थे। खान ने स्पष्ट किया कि उन्होंने और उनकी पत्नी ने बोर्ड हटाने पर कोई आपत्ति नहीं की, लेकिन अब वे महापौर से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे।
हटाए गए बोर्डों में से एक पर ‘सकीना मंज़िल रोड’ के साथ ‘चंदन नगर सेक्टर-बी वार्ड क्रमांक-2’ भी लिखा था। वहीं एक अन्य सड़क को ‘रज़ा गेट’ और ‘लोहा गेट रोड’ दोनों नामों से दर्शाया गया था।
स्थानीय निवासी अब्दुल वाहिद खान ने बताया कि एक बोर्ड पर ‘गौसिया रोड’ और ‘चंदू वाला रोड’ दोनों नाम लिखे थे, क्योंकि लोग आमतौर पर इन्हीं नामों से इलाके को पहचानते हैं।उन्होंने कहा, “बोर्ड हटाने से पते ढूंढने में निश्चित तौर पर दिक्कत होगी।”