नई दिल्ली
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और उनकी पत्नी सुनीता द्विवेदी ने अंगदान का संकल्प लिया। उन्होंने इसे सशस्त्र बलों की त्याग और साहस की भावना का विस्तार बताते हुए समाज के लिए प्रेरणादायक कदम करार दिया।
जनरल द्विवेदी ने सेवा के सभी कर्मियों और उनके परिवारों से आगे आने और समाज के लिए उदाहरण प्रस्तुत करने की अपील की।
यह संकल्प दिल्ली स्थित आर्मी हॉस्पिटल (रिसर्च एंड रेफरल) में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान लिया गया। उन्होंने अंगदान को "मानवता की सेवा" बताते हुए कहा कि यह सैनिकों के बलिदान और साहस की परंपरा का हिस्सा है।
एक अधिकारी के अनुसार, इस कदम से आर्म्ड फोर्सेज ऑर्गन रिट्रीवल एंड ट्रांसप्लांटेशन अथॉरिटी (AORTA) को बड़ी मजबूती मिली है। यह पहल जागरूकता बढ़ाने और सशस्त्र बलों के समुदाय को अंगदान में देश का नेतृत्व करने के लिए प्रेरित करने का लक्ष्य रखती है।
डायरेक्टर जनरल, आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज (DGAFMS) सर्जन वाइस एडमिरल अर्ति सारिन के नेतृत्व में AORTA अंगदान और प्रत्यारोपण के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी संस्था बनकर उभरी है।
अधिकारी ने बताया, “भारतीय सेना पहले ही एक रिकॉर्ड बना चुकी है, जब एक ही अभियान में 26,000 से अधिक कर्मियों ने अंगदान का संकल्प लिया।”
जनरल द्विवेदी ने AORTA के लगातार जागरूकता अभियान और सशस्त्र बलों के कर्मियों को अंगदान के महत्व के प्रति प्रेरित करने के प्रयासों की सराहना की।
कार्यक्रम में अंग प्रत्यारोपण देखभाल में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका को भी मान्यता दी गई। सेना प्रमुख ने मौके पर ही तीन फ्रंटलाइन स्टाफ को चीफ्स रिकमेंडेशन कार्ड प्रदान किए, जिनमें एक हाउसकीपर भी शामिल थे, जिन्होंने मरीजों के लिए स्वच्छता और स्वच्छ माहौल सुनिश्चित किया।
इस अवसर पर उन डोनर परिवारों को भी भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई, जिन्होंने अंगदान के माध्यम से जीवनदान का अमूल्य उपहार दिया। इन परिवारों को उनके साहस और करुणा के लिए सम्मानित किया गया।