आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी (आप) ने बृहस्पतिवार को भारी बारिश के बाद राष्ट्रीय राजधानी में हुए जलभराव का ठीकरा भाजपा सरकार पर फोड़ते हुए उससे सवाल किया कि सड़कें तालाबों में क्यों बदल गईं जिसके चलते लोगों की जान जा रही है.
विपक्ष की इस आलोचना से भाजपा और आप के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया. आप इस साल फरवरी तक यहां सत्तारूढ़ थी.
मानसून के दौरान जलभराव एक वार्षिक मुद्दा है, जो पिछली आप सरकार के दौरान भाजपा का लगातार निशाना रहा था.
पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी समेत आप नेताओं ने दिल्ली की जलमग्न सड़कों की तस्वीरें साझा करते हुए सरकार पर मानसून के लिए ‘तैयारी में कमी’ का आरोप लगाया। उधर, मंत्री कपिल मिश्रा ने आप पर ‘12 साल तक (दिल्ली को) लूटने’ का आरोप लगाया.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को लिखे एक पत्र में, आतिशी ने मांग की कि कालकाजी में पेड़ गिरने की घटना को लेकर लोक निर्माण मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए.
इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और उसकी बेटी गंभीर रूप से घायल हो गई थी.
आतिशी ने कहा कि वर्मा को नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
कालकाजी घटना पर ‘एक्स’ के एक उपयोगकर्ता द्वारा डाले गये वीडियो को साझा करते हुए, आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘‘भाजपा वालों ने कुछ ही महीनों में दिल्ली को किस हाल में पहुंचा दिया है....
पलटवार करते हुए, दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने ‘एक्स’ पर लिखा,‘‘वाह रे बेशर्म। आपने 12 साल तक दिल्ली को लूटा और उसे बर्बाद करके पंजाब भाग गए । आज पेड़ गिरने पर भाजपा को दोष दे रहे हैं?’’
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली तो बदलेगी ही, लेकिन अपनी नाकामी का रिपोर्ट कार्ड दिखाकर नाचने की ये निर्लज्जता केवल आप में ही संभव है.
आतिशी ने मुख्यमंत्री गुप्ता को लिखे अपने पत्र में मानसून के मौसम में हुई कई घटनाओं का जिक्र किया.
उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई ‘प्रकृति का कृत्य’ नहीं है - यह आपके प्रशासन द्वारा मानसून संबंधी तैयारियों में पूर्ण कमी का नतीजा है.
विधानसभा में विपक्ष की नेता ने कहा, ‘‘इस साल की बारिश में कई लोगों की जान चली गई है - अगर दूरदर्शिता, बुनियादी ढांचे की तैयारी और निर्णायक शासन होता, तो ये सभी त्रासदी रोकी जा सकती थीं। इसके बजाय, दिल्ली के नागरिकों को हर बारिश के दौरान जलभराव वाली सड़कों से होकर गुजरने, गिरते पेड़ों से बचने और लगातार डर के साये में जीने के लिए मजबूर होना पड़ता है.
आतिशी ने लोक निर्माण विभाग पर ‘‘अपने सबसे बुनियादी कर्तव्य को पूरा करने में विफल’’ होने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा कि लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा को नैतिक जिम्मेदारी लेना चाहिए तथा उन्हें तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए.