आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केरल में मूसलाधार मानसूनी बारिश ने सोमवार को भी कहर बरपाया जिससे सड़क और रेल यातायात समेत सामान्य जनजीवन बाधित हो गया. बारिश का सबसे ज्यादा असर उत्तरी जिलों में पड़ा है, जहां नदियों और अन्य जलाशयों में जल स्तर बढ़ गया है.
कन्नूर और कासरगोड समेत कई जिलों में बाढ़ का पानी घरों में घुसने के कारण कई निवासियों को राहत शिविरों में ले जाया गया है. कन्नूर में रविवार शाम से ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए घुटने तक भरे पानी में चलते हुए देखा गया. एक निवासी ने बताया, ‘‘बच्चों और बुजुर्गों को पहले ही रिश्तेदारों के घरों में भेजा जा चुका है. हम आसपास खुले राहत शिविर में जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि बारिश के बाद हुए जलभराव ने उनका जीना दूभर कर दिया है. जलभराव के कारण बच्चे स्कूल और अन्य लोग काम पर नहीं जा पा रहे हैं. कन्नूर के कक्कड़ क्षेत्र में मुख्य सड़क पूरी तरह जलमग्न हो गई, जिससे यातायात ठप हो गया है. कासरगोड में तेजस्विनी पूझा सहित प्रमुख नदियां उफान पर हैं, जिसके कारण अधिकारियों ने जलाशयों की ओर जाने के खिलाफ चेतावनी जारी की है.
प्राधिकारियों ने बताया कि जिले के वेल्लारीकुंड इलाके में कम से कम 10 परिवारों को राहत शिविरों में ले जाया गया है. पथनमथिट्टा जिले में रविवार शाम को भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण एक पेड़ उखड़कर मलयालापुझा में एक घर पर गिर गया जिससे उसमें रहने वाला एक व्यक्ति घायल हो गया. राज्य में भारी बारिश के कारण रेल यातायात काफी प्रभावित हुआ है.
अधिकारियों के अनुसार, वेनाड और मालाबार एक्सप्रेस तथा यात्री ट्रेन सहित कई रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, केरल में सक्रिय दक्षिणपश्चिम मानसून के कारण पूरे राज्य तथा लक्षद्वीप में व्यापक पैमाने पर बारिश हो रही है. आईएमडी ने बताया कि आने वाले कुछ घंटों में तिरुवनंतपुरम, एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में एक या दो स्थानों पर मध्यम वर्षा और 50 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवा चलने की संभावना है.