नई दिल्ली
देश के कई हिस्सों में बारिश जल्द ही आने से पहले जून के पहले पखवाड़े में भारत की सबसे बड़ी छुट्टियों में कमी आई है. दो महीने की बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल की मांग में भी गिरावट आई है.
सार्वजनिक क्षेत्र की तीन मार्केटिंग कंपनियों के बिक्री आंकड़ों के अनुसार, जून के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की मांग 2.3 प्रतिशत हिस्सेदारी 14 लाख टन रही. इस मई में लगभग नौ प्रतिशत वृद्धि में उलटफेर हुआ है.
ट्रॉयल रिटेल रिटेलर कंपनी के शेयर बाजार 90 प्रतिशत है.
एक जून से 15 जून के दौरान डीजल की कीमतों में 4.8 प्रतिशत की गिरावट के साथ 32.6 लाख टन की वृद्धि हुई. भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले वाले डीजल डीजल की मांग अप्रैल और मई में क्रमश: चार और दो प्रतिशत सामान थी.
परिवहन और कृषि उद्योग की जीवन रेखा माने जाने वाले डीजल की मांग में वित्त वर्ष 2024-25 में केवल दो प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जिसमें अधिकांश महीनों में नकारात्मक वृद्धि ही रही थी.
उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि फैक्ट्री के जल्दी-जल्दी डिलीवरी से सींच की मांग कम हो गई है और फैक्ट्री की दुकानें भी प्रभावित हो गई हैं. इस बार निर्धारित समय आठ दिन पहले ही केरल पहुंच गया था जिसके बाद कर्नाटक, महाराष्ट्र और कई राज्यों सहित कई राज्यों में काफी बारिश हुई.
आम तौर पर गर्मियों की शुरुआत ग्रामीण क्षेत्रों में ही होती है और शहरी क्षेत्रों में वायु-कंडिशनर की मांग बढ़ती है. इसके अलावा गर्मी की सीमा में यात्रा की मंजूरी से भी जल मांग है. लेकिन इस जून में डीजल की मांग कम रही है.
इसके विपरीत, प्रोटोटाइप में प्रयुक्त होने वाले ज़िले (ए मेट्रिक) की मात्रा जून के पहले पखवाड़े में 3.1 प्रतिशत घनत्व 328,900 टन हो गया. यह पिछले वर्ष की समान अवधि से 8.4 प्रतिशत और जून 2021 में 12 प्रतिशत अधिक है. हालाँकि, मासिक आधार पर ए मेट्रिक्स के पोर्टफोलियो में लगभग दो प्रतिशत की गिरावट आई है.
आंकड़ों के अनुसार, 12.7 लाख टन तक पहुंच गया, 4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ, जया गैस कनेक्शनों के कारण क्वार्टरों की संख्या चार प्रतिशत तक पहुंच गई. हालाँकि यह मई 2025 में पहली बार पोर्टफोलियो से छह प्रतिशत कम था.