आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता और वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सरकार की लापरवाही पर सवाल उठाए और कहा कि इस दुखद घटना में मारे गए 26 पर्यटकों की सुरक्षा में सरकार पूरी तरह असफल रही.
प्रियंका गांधी ने इस हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी की पत्नी आशन्या का हवाला देते हुए कहा, “जब लोग एक-एक कर बेरहमी से मारे जा रहे थे, उस समय वहां एक भी सुरक्षाकर्मी नहीं था। मैंने अपने सामने अपनी दुनिया खत्म होते देखी, और सरकार ने हमें अनाथों की तरह छोड़ दिया.”
उन्होंने पूछा, “आखिर क्यों वहां कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी? सरकार को क्या यह नहीं पता था कि यहां रोज सैकड़ों पर्यटक आते हैं? यह इलाका जंगलों से घिरा है, ऐसे में अगर कुछ और हो जाता तो लोग बाहर कैसे निकलते? न सुरक्षा थी, न प्राथमिक चिकित्सा की कोई सुविधा — सरकार ने लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया.”
प्रियंका गांधी ने सरकार से सीधे सवाल किए, “इस हमले की जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या प्रधानमंत्री जिम्मेदार नहीं हैं? क्या गृहमंत्री या रक्षा मंत्री की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती? क्या एनआईए की कोई भूमिका नहीं है?”
उन्होंने यह भी कहा कि हमले से महज दो हफ्ते पहले केंद्रीय गृह मंत्री जम्मू-कश्मीर का दौरा कर कह चुके थे कि “हमने आतंकवाद पर विजय पा ली है।” ऐसे दावे पर उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि अगर विजय मिल गई थी, तो फिर इतना बड़ा हमला कैसे हो गया?
कांग्रेस नेता ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने बाद में एक इंटरव्यू में यह स्वीकार किया कि बायसरण घाटी में लापरवाही हुई, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, कोई सवाल नहीं पूछा गया.
प्रियंका ने यह भी कहा कि जिस "द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF)" संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली, वह 2020 से अब तक 25 आतंकी हमले कर चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस तरह मौजूदा गृहमंत्री ने यूपीए काल के 25 आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए सरकार को घेरा था, अब खुद की सरकार में भी वही संख्या सामने आ रही है.