Prime Minister Modi's able leadership has ended 'policy paralysis': Prahlad Joshi
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री को स्थिर सरकार देने का श्रेय दिया, जिससे देश में प्रगति, विकास और समृद्धि को बढ़ावा मिला है.
वर्तमान सरकार की तुलना वर्ष 2014 से पहले सत्ता में रही संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के साथ करते हुए जोशी ने कहा कि 1984 के बाद, "अस्थिरता" के कारण लगभग गंभीर "नीतिगत पंगुता" थी. उन्होंने आरोप लगाया कि वह एक "कमज़ोर नेतृत्व" के साथ सबसे "अस्थिर सरकार" थी.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज, एक स्थिर सरकार है, सक्षम नेतृत्व है और इसके कारण विकास हो रहा है और इस विकास के कारण देश में समृद्धि को बिना किसी उपकरण की सहायता से आंखों से देखा जा सकता है. जोशी ने विश्व बैंक के एक अध्ययन का हवाला देते हुए दावा किया कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत अत्यधिक गरीबी 21 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो गई है.
विश्व बैंक के आंकड़े की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "26 करोड़ से ज़्यादा लोग अत्यधिक गरीबी से बाहर आ चुके हैं. यह इस स्थिर सरकार, सक्षम नेतृत्व और मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए, लागू किए गए कल्याणकारी उपायों की वजह से संभव हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब कांग्रेस पार्टी के अलावा किसी अन्य नेता और पार्टी को लगातार जनादेश मिला है.
उन्होंने आरोप लगाया कि पहले पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल ‘‘छद्म युद्ध’’ के रूप में करता था। उन्होंने कहा कि तब हम या तो चुप रहते थे या रोते थे.
पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी शिविरों को निशाना बनाये जाने की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, "आज भारत जवाबी कार्रवाई कर रहा है और हमारी रक्षा क्षमता कई गुना बढ़ गई है। चश्मे से लेकर जूते तक सब कुछ आयात किया जाता था, लेकिन आज हम रक्षा उपकरण निर्यात कर रहे हैं। रक्षा क्षेत्र में 5,000 वस्तुएं जो पहले आयात की जाती थीं, अब यहां स्वदेशी रूप से विकसित की जा रही हैं. 25,000 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण निर्यात किए गए हैं.
जोशी ने दावा किया कि 2026 तक सरकार नक्सलवाद का खात्मा कर देगी. विभिन्न कृषि योजनाओं को सूचीबद्ध करते हुए उन्होंने दावा किया कि कुल कृषि आवंटन लगभग 2 लाख से कई गुना बढ़कर 6 लाख करोड़ हो गया है और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से लगभग 25 करोड़ लोगों को लगभग 44 लाख करोड़ रुपये का लाभ हस्तांतरित किया गया है.