भक्ति चालक/पुणे
बकरीद, जिसे ईद अल-अधा के नाम से भी जाना जाता है, मुस्लिम समुदाय के लिए एक पवित्र त्योहार है, जो त्याग, करुणा और परोपकार का प्रतीक है. हाल ही में, यह त्यौहार दुनिया भर में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया. कई संगठन ऐसे धार्मिक त्योहारों को अधिक समुदाय-केंद्रित बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं.
समकालीन सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने और सामाजिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए धार्मिक अवधारणाओं और परंपराओं का उपयोग कर रहे हैं. इस संदर्भ में, महाराष्ट्र भर में कई मुस्लिम सामाजिक संगठनों ने रक्तदान शिविर आयोजित किए, जिससे सामाजिक कल्याण का एक अमूल्य संदेश गया.
रक्तदान को जीवन का उपहार माना जाता है. एक यूनिट रक्त तीन लोगों की जान बचा सकता है. अस्पतालों में रक्त की कमी एक गंभीर मुद्दा है. दुर्घटनाओं, सर्जरी, कैंसर के उपचार या प्रसव के दौरान रक्त आवश्यक होता है.
ऐसे में रक्तदान हर व्यक्ति का नागरिक कर्तव्य है. बकरीद के पवित्र अवसर पर रक्तदान जैसी पहल करके मुस्लिम समुदाय ने त्याग की भावना को व्यापक अर्थ दिया. उन्होंने अपने कार्यों से प्रदर्शित किया कि 'कुर्बानी' (बलिदान) केवल पशु बलि तक सीमित नहीं, समाज के प्रति खुद को समर्पित करने की भावना तक फैली हुई है.
महाराष्ट्र में मुस्लिम सामाजिक संगठनों ने इस त्यौहार के साथ सामाजिक जिम्मेदारी को भी जोड़ दिया है. इन पहलों में न केवल मुस्लिम समुदाय बल्कि अन्य धर्मों के लोगों का भी योगदान देखने को मिला. बकरीद पर रक्तदान अभियान चलाकर मुस्लिम समुदाय ने मानवीय सेवा और सामाजिक जवाबदेही का एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया.
मुस्लिम सत्यशोधक मंडल और अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति का राज्यव्यापी रक्तदान सप्ताह
धार्मिक सद्भाव, वैज्ञानिक सोच और मानवता को बढ़ावा देने के लिए मुस्लिम सत्यशोधक मंडल ने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (एएनआईएस) के साथ मिलकर बकरीद के लिए राज्यव्यापी रक्तदान अभियान सप्ताह का आयोजन किया.
इसके साथ ही, पोस्टमॉर्टम अंग और शरीर दान के लिए शपथ और जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए गए.पुणे, कोल्हापुर, सतारा, रायगढ़, जलगांव, लातूर, नंदुरबार और सासवड़ जैसे शहरों सहित राज्य भर में विभिन्न शाखाओं में रक्तदान शिविर आयोजित किए गए.
कई शहरों में मुस्लिम सत्यशोधक मंडल और एएनआईएस ने संयुक्त रूप से इन शिविरों का आयोजन किया. इस अभियान में न केवल मुसलमानों बल्कि सभी धर्मों के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया.

पुणे
मुस्लिम सत्यशोधक मंडल द्वारा आयोजित 'राज्यव्यापी रक्तदान सप्ताह' पहल को पुणे में जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली. राष्ट्र सेवा दल, बैरिस्टर नाथ पाई ऑडिटोरियम, पार्वती पयथा में एक बड़ा रक्तदान शिविर सफलतापूर्वक आयोजित किया गया.
धार्मिक सद्भाव, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और मानवता के मूल्यों को बनाए रखते हुए, इस शिविर में रक्त संग्रह के साथ मृत्यु के बाद अंग और शरीर दान करने का संकल्प लेने के कार्यक्रम भी शामिल थे.
पिछले 15 वर्षों से मुस्लिम सत्यशोधक मंडल बकरीद पर रक्तदान शिविरों का आयोजन कर रहा है, जो पारंपरिक पशु बलि के मानवीय विकल्प की पेशकश करता है. इस वर्ष, सभी धर्मों के लोगों सहित सैकड़ों नागरिकों ने भाग लिया.
मंडल ने रक्तदान के माध्यम से जीवन बचाने और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने का संदेश सफलतापूर्वक दिया. स्थानीय रक्त बैंकों के सहयोग से एकत्रित रक्त का उपयोग सरकारी और निजी अस्पतालों में जरूरतमंद रोगियों के लिए किया जाएगा.
अंग और शरीर दान प्रतिज्ञा कार्यक्रम का उद्देश्य वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना था, जिसे उपस्थित लोगों से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली.मुस्लिम सत्यशोधक मंडल के अध्यक्ष शमसुद्दीन तंबोली ने शिविर की सफलता पर संतोष व्यक्त किया.
उन्होंने कहा, "बकरीद के त्याग और भाईचारे के संदेश को रक्तदान जैसी पहल के माध्यम से साकार किया जाता है. इस त्यौहार को सामुदायिक रूप से मनाना, सरकारी नियमों का पालन करना और धार्मिक तनाव से बचना बहुत ज़रूरी है."
उन्होंने विभिन्न धर्मों की भागीदारी पर खुशी जताई और भविष्य में भी ऐसी पहलों को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया. रक्त और अंगदान की प्रतिज्ञाओं के माध्यम से, पुणे के नागरिकों ने मानवता का एक आदर्श उदाहरण पेश किया, जिसकी सभी क्षेत्रों से प्रशंसा हुई.

सासवड़
ईद-उल-अजहा के अवसर पर पुरंदर तालुका के सासवड़ स्थित आचार्य अत्रे भवन में मुस्लिम सत्यशोधक मंडल द्वारा रक्तदान शिविर का सफल आयोजन किया गया. शिविर में समाजसेवी, छात्र, पत्रकार, पार्षद और विभिन्न संगठनों सहित मुस्लिम और गैर-मुस्लिम नागरिकों की महत्वपूर्ण भागीदारी रही.
सासवड़ मुस्लिम समुदाय ने बकरीद पर इस रक्तदान शिविर के आयोजन के पीछे के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय इस देश के लिए न केवल बकरे बल्कि अपने खून की भी कुर्बानी दे सकता है.
शिविर के माध्यम से मुस्लिम सत्यशोधक मंडल ने धार्मिक त्योहारों को सामाजिक और वैज्ञानिक आयाम देने का संदेश दिया. प्रो. नसरीन अंसारी ने कहा कि मंडल भविष्य में भी इसी तरह की पहल करने का इरादा रखता है. इससे पहले हाजी मुबारक शेख ने शुक्रवार और ईदगाह की नमाज के दौरान अपने संबोधन में नागरिकों से रक्तदान शिविर में भाग लेने की अपील की.
शिविर की सफलता में सासवड़ नगर निगम के पूर्व पार्षद हारून बागवान, ओबीसी संगठन के आरिफ अत्तर और पुरंदर कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मुबीन बागवान का महत्वपूर्ण योगदान रहा. कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अशोक धीवरे ने की.
साथ ही शमसुद्दीन तंबोली (अध्यक्ष, मुस्लिम सत्यशोधक मंडल), दिलावर शेख (कोषाध्यक्ष), वरिष्ठ समाजवादी नेता रावसाहेब पवार, बापू मुलानी (अध्यक्ष, केजीएन खिदमत फाउंडेशन), शकील पानसरे (कोषाध्यक्ष), आबेदा शेख, प्रो. नसरीन अंसारी, अल्ताफ हुसैन, अमन हुसैन, श्रीरूपा, बेनजीर और कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे.
सतारा
महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति और सतारा में मुस्लिम सत्यशोधक समाज द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 'रक्तदान सप्ताह' पहल को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली. सतारा में मौली ब्लड बैंक के सहयोग से आयोजित शिविर में कई लोगों ने रक्तदान किया.
मोहसिन शेख और वंदना माने ने इस शिविर की सफलतापूर्वक योजना बनाई. प्रतिभागियों में मोहसिन शेख, श्रेयांशु माने, प्रवीण माने, शामली माने, प्रशांत पोतदार, उदय चव्हाण, इंद्रजीत कदम, डॉ. हामिद दाभोलकर, डॉ. प्रदीप झनकर, डॉ. दीपक माने, महादेव इंगले, शाहरुख शिकलागर, सार्थक पाटिल और कई अन्य शामिल थे.
महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष अविनाश पाटिल ने कहा, "बकरीद का त्याग और समर्पण का संदेश रक्तदान जैसे मानवीय कार्यों के माध्यम से साकार होता है. हम 11 वर्षों से यह पहल कर रहे हैं. इस वर्ष भी सतारा के नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया."
मुस्लिम सत्यशोधक समाज के प्रतिनिधियों ने कहा, "धार्मिक त्योहारों को सामाजिक और मानवीय रूप देना ही सत्य की सच्ची खोज है. रक्तदान के माध्यम से हम समाज को जोड़ने और जरूरतमंदों की मदद करने का प्रयास करते हैं."
मौली ब्लड बैंक ने इस पहल के लिए लगातार सहयोग किया. एकत्रित रक्त सरकारी और निजी अस्पतालों में जरूरतमंद मरीजों की मदद करेगा. शिविर में हिंदू, मुस्लिम और अन्य समुदायों की प्रतिक्रिया सामाजिक एकता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है.

नंदुरबार
पवित्र त्योहार के अवसर पर महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति और मुस्लिम सत्यशोधक मंडल की नंदुरबार शाखाओं द्वारा आयोजित 'रक्तदान सप्ताह' पहल की शुरुआत जिला अस्पताल में उत्साहपूर्वक हुई.
शिविर का उद्घाटन जिला शल्य चिकित्सक डॉ. नरेश पाडवी ने किया. पिछले तीन वर्षों से नंदुरबार में आयोजित इस पहल ने एक बार फिर मानवता, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सद्भाव का संदेश दिया.बकरीद एक ऐसा त्योहार है जो त्याग और बलिदान का संदेश देता है.
त्योहार की मूल भावना के अनुरूप समिति ने पारंपरिक पशु बलि के पर्यावरण अनुकूल और रचनात्मक विकल्प के रूप में रक्तदान को अपनाने की अपील की. इस अवसर पर महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के जिला कार्यकारी अध्यक्ष वसंत वाल्वी ने कहा, "रक्तदान वास्तव में बलिदान का एक रूप है. यह कई लोगों की जान बचा सकता है . समाज में मानवता का संदेश फैला सकता है."
जिला अस्पताल में आयोजित शिविर में विभागाध्यक्ष डॉ. रमा वाडेकर, जयेश सोनावणे एवं स्टाफ ने रक्त संग्रहण प्रक्रिया का सफलतापूर्वक संचालन किया. वसंत वलवी, सूर्यकांत अगले, फ़िरोज़ खान, प्रवीणकुमार धांद्रे और कई अन्य कार्यकर्ताओं ने रक्तदान करके इस पहल को मजबूत किया.
शिविर के सफल आयोजन के लिए समिति के प्रधान सचिव बलदेव वसईकर, प्रवीण धांद्रे, संदीपकुमार अखाडे, राजू चौधरी, पराग जगदेव, राजेंद्र पिंपल, मंगेश वाघमारे और सुधीर पानपाटिल ने विशेष प्रयास किये.

पनवेल
महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की पनवेल शाखा ने विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर दारुल अमन ट्रस्ट के नेतृत्व में न्यू पनवेल स्थित दारुल अमन मस्जिद परिसर में भव्य रक्तदान एवं स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया.
रोटरी ब्लड बैंक, क्रिटिकेयर लाइफलाइन हॉस्पिटल पनवेल और शंकरा आई हॉस्पिटल के सहयोग से आयोजित इस शिविर को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली. इस वर्ष 23 लोगों ने रक्तदान किया, जबकि 100 से अधिक लोगों ने स्वास्थ्य एवं नेत्र जांच का लाभ उठाया.
पिछले सात वर्षों से पनवेल में सामाजिक संगठन बकरीद पर रक्तदान शिविर का आयोजन करते आ रहे हैं. इस वर्ष पहली बार नेत्र जांच शिविर को भी शामिल किया गया, जिससे पहल का दायरा और व्यापक हो गया.
इस अवसर पर बोलते हुए दारुल अमन ट्रस्ट के ए.एम. इनामदार ने कहा, "रक्त की एक बूंद किसी की जान बचा सकती है. धर्म, जाति और वर्ग से परे मानवता के लिए रक्तदान करना ही सच्चा बलिदान है."
महाराष्ट्र माइनॉरिटी एनजीओ फोरम पनवेल, ए.एफ.टी. इस शिविर में ट्रस्ट पनवेल, मकतब-ए-नूर-उल-उलूम, आई समाजकल्याण संस्था वावनजे, संविधान प्रचारक, सर्वोदय, ग्रामस्वराज्य समिति महाराष्ट्र और कुष्ठ उन्मूलन समिति शांतिवन ने सक्रिय रूप से भाग लिया.
पूर्वाह्न। इनामदार, अलाउद्दीन शेख, आसिफ कुरेशी, आरती नाइक, बागड़े काका, प्रवीण जठार, बाबासाहेब चिमाने और कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे.

अमरावती
महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति, अमरावती शहर शाखा, विजया फाउंडेशन और क्रांति नवनिर्माण राष्ट्रीय संगठन द्वारा संयुक्त रूप से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया.
हनुमान नगर, खोलापुरी गेट के पास आंगनवाड़ी में शिविर का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया. पारंपरिक पशु बलि के विकल्प के रूप में रक्तदान के माध्यम से मानवता और सामाजिक सद्भाव का संदेश देने वाली इस पहल में 13 लोगों ने रक्तदान किया.
शिविर की शुरुआत पहले रक्तदाता द्वारा वृक्षारोपण समारोह के साथ हुई. साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया. मेलघाट ब्लड बैंक की पूरी टीम ने रक्त संग्रह के लिए बहुमूल्य सहायता प्रदान की. शहर और आसपास के क्षेत्रों के नागरिक, संगठन के कार्यकर्ता और मुस्लिम भाइयों ने शिविर का दौरा किया और उत्साहपूर्वक भाग लिया.
शिविर के सफल आयोजन के लिए विजया करोल, हर्ष सागने, दिलीप लाडे, मोहम्मद अफसर शेख हसन, प्रफुल ठाकरे, दिगंबर मेश्राम, प्रफुल कुकड़े और कई अन्य कार्यकर्ताओं ने अथक परिश्रम किया.
इस अवसर पर विजया करोल ने कहा, "बकरीद के त्याग और समर्पण का संदेश रक्तदान जैसे मानवीय कार्यों के माध्यम से साकार होता है. यह पहल समाज को जोड़ने और पर्यावरण को संरक्षित करने का एक प्रयास है." हर्ष सागने ने कार्यक्रम का संचालन किया और विजया करोल ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
कोल्हापुर
जवाहर नगर के सीरत मोहल्ला के मुस्लिम युवाओं ने शानदार रक्तदान शिविर का आयोजन किया. इस अभियान में अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय की अभूतपूर्व भागीदारी देखी गई, जिसने सामाजिक जिम्मेदारी का एक अनूठा उदाहरण पेश किया. विभिन्न युवा संगठनों ने मिलकर इस सफल प्रयास का आयोजन किया, जिसमें 87 यूनिट रक्त एकत्र किया गया.
यह अनमोल उपहार जरूरतमंद मरीजों के लिए उम्मीद की किरण लेकर आएगा. आलम मुजावर, सलीम शेख और अन्य सहित एक समर्पित टीम द्वारा समन्वित, इस युवा प्रयास ने शक्तिशाली रूप से यह संदेश दिया कि बकरीद का संदेश कैसे प्रेम और एकता में तब्दील हो सकता है.
इसके पूरक के रूप में, महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (एएनआईएस) और कोल्हापुर में मुस्लिम सत्यशोधक मंडल ने मानवता के प्रति अपनी स्थायी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया.
पिछले तेरह वर्षों से, वे ईद-उल-अज़हा की आधुनिक व्याख्या का समर्थन करते रहे हैं, जिसमें पशु बलि के बजाय रक्तदान का आग्रह किया जाता है. छत्रपति प्रमिला राजे अस्पताल ब्लड बैंक में एक और सफल शिविर में इस लंबे समय से चली आ रही परंपरा का समापन हुआ.
यह शिविर भी सामाजिक सद्भाव का एक शक्तिशाली प्रमाण था, जिसमें सभी धर्मों के दानकर्ता शामिल हुए. आगे आने वालों में प्रो. सिकंदर तंबोली, इरफान वरुणकर और अन्य दयालु व्यक्ति शामिल थे.
जिला एएनआईएस के कार्यकारी अध्यक्ष प्रमोद शिंदे उपस्थित कार्यकर्ताओं में से थे. डॉ. राजेंद्र मदने और डॉ. ऋषिकेश गावड़े सहित सीपीआर ब्लड बैंक की समर्पित टीम ने शिविर की सफलता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा दिया. यहाँ मराठी पाठ का अंग्रेजी में अनुवाद स्वाभाविक और आकर्षक लहजे में प्रस्तुत है.
गोंदवले
गोंदवले में ईद-उल-अज़हा (बकरी ईद) के अवसर पर रक्तदान शिविर का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया. इस शिविर में 25 रक्तदाता रक्तदान करने के लिए आगे आए.
यह पहल गोंदवले ग्राम पंचायत के सहयोग से की गई. गोंदवले के सरपंच जयप्रकाश कट्टे और उपसरपंच संजय माने मौजूद थे, जबकि दहीवडी पुलिस स्टेशन से सहायक पुलिस निरीक्षक दत्तात्रेय दराडे ने रक्तदान अभियान का उद्घाटन किया.
गोंदवले का मुस्लिम समुदाय नियमित रूप से विभिन्न सामाजिक पहल करता है. रक्तदान उनमें से एक है. पिछले दस वर्षों से गोंदवले का मुस्लिम समुदाय लगातार ईद-उल-अज़हा (बकरी ईद) पर रक्तदान शिविर का आयोजन कर रहा है.
उल्लेखनीय यह है कि नमाज़ पढ़ाने आने वाले हाफ़िज़ सरफ़राज़ हर साल स्वेच्छा से रक्तदान करके इसमें भाग लेते हैं. इन शिविरों में स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले युवा मुस्लिम पुरुषों और कई महिलाओं की उत्साही भागीदारी भी उतनी ही सराहनीय है.
सहायक पुलिस निरीक्षक दराडे, सरपंच जयप्रकाश कट्टे और उप सरपंच संजय माने ने इस पहल की सराहना की. इसकी निरंतर सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं.