कोच्चि/मुंबई
केरल तट के पास समुद्र में सिंगापुर के ध्वजवाहक मालवाहक पोत ‘एमवी वान हाई 503’ में आग बुझाने के लिए भारतीय तटरक्षक बल और अन्य एजेंसियों द्वारा युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
इस सप्ताह की शुरुआत में, जब यह जहाज कोलंबो से मुंबई की ओर जा रहा था, तब एक कंटेनर में विस्फोट के कारण आग लग गई थी।
पोत महानिदेशक से मिली जानकारी के अनुसार, “अब तक लगभग 40 प्रतिशत आग पर नियंत्रण पाया जा चुका है। जहाज फिलहाल तैर रहा है लेकिन उस पर कोई चालक दल मौजूद नहीं है और यह धीरे-धीरे अरब सागर में दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर बह रहा है।”
एक महत्वपूर्ण कदम के तहत, बचाव विशेषज्ञों और तटरक्षक गोताखोरों की एक टीम जहाज पर सवार होने में सफल रही है। इस टीम में ‘साल्वेज मास्टर’ भी शामिल हैं जो अब मौके पर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिकता फिलहाल जहाज को तट से दूर रखने और आग को पूरी तरह बुझाने पर है। आग बुझाने का नेतृत्व भारतीय तटरक्षक पोत समुद्र प्रहरी और समर्थ कर रहे हैं, जो फोम और सीमित कूलिंग तकनीक के माध्यम से आग के फैलाव को रोकने का प्रयास कर रहे हैं।
पोत महानिदेशक ने चेतावनी दी है कि जहाज में हाइड्रोकार्बन वाष्प देखे गए हैं, जो ईंधन टैंकों के पास गर्मी के कारण और अधिक खतरा पैदा कर सकते हैं। ऐसे में स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है।
अन्य पोत राजदूत, अर्नवेश, अभिनव और आईसीजीएस 513 भी खोज और बचाव अभियान में शामिल हैं। जहाज पर मौजूद 22 सदस्यीय चालक दल में से 18 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया, जबकि चार सदस्य अभी भी लापता हैं।
पहले टोइंग (खींचने) के प्रयास विफल रहे थे, लेकिन अब मालवाहक पोत और आपातकालीन टोइंग जहाज वाटर लिली के बीच सफलतापूर्वक कनेक्शन स्थापित कर लिया गया है। यह कार्य समुद्री आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र (MERC) और भारतीय तटरक्षक बल के संयुक्त प्रयासों से किया गया।
अधिकारियों के अनुसार, जहाज के ईंधन टैंकों के पास खतरनाक सामग्री रखी होने के कारण अभी भी विस्फोट या आग बढ़ने का खतरा बरकरार है।
नौवहन महानिदेशालय का कहना है कि जहाज को स्थिर करने का कार्य जारी है और भारतीय नौसेना, अन्य समुद्री एजेंसियों और पोत मालिकों के साथ लगातार समन्वय और समीक्षा बैठकें की जा रही हैं।
तटरक्षक बल की ओर से पांच सदस्यीय विशेष टीम—जिसमें तीन बचाव विशेषज्ञ और दो गोताखोर शामिल हैं—मौके पर भेजी गई है।इसके अतिरिक्त, फोम और सूखे रसायन आधारित अग्निशमन सामग्री भी भेजी जा रही है ताकि आग पर जल्द से जल्द काबू पाया जा सके।