Prez Murmu, Vice Prez Dhankhar extend greetings on Lohri, Makar Sankranti, Pongal, Magh Bihu
नई दिल्ली
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने सोमवार को लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल और माघ बिहू के पावन अवसर पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं.
एक्स से बात करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, "लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल और माघ बिहू के पावन अवसर पर मैं देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं. ये त्यौहार हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविधता में एकता के प्रतीक हैं. भारत के विभिन्न क्षेत्रों में मनाए जाने वाले ये त्यौहार प्रकृति के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं."
इन उत्सवों के कृषि महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, "कृषि से जुड़े ये त्यौहार हमारे किसानों के अथक परिश्रम के लिए आभार व्यक्त करने का अवसर भी हैं. मेरी कामना है कि यह पावन त्यौहार हर व्यक्ति के जीवन में खुशियां और समृद्धि लेकर आए."
उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने भी अपनी शुभकामनाएं देते हुए एक्स पर पोस्ट किया, "लोहड़ी, मकर संक्रांति, माघ बिहू और पोंगल के शुभ अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं. ये त्यौहार, जो हमारे देश के विविध परिदृश्यों में अनोखे ढंग से मनाए जाते हैं, फसल के मौसम का सम्मान करने की हमारी सदियों पुरानी परंपरा का प्रतिनिधित्व करते हैं." उन्होंने कहा, "लोहड़ी और माघ बिहू की पवित्र लपटें सभी प्रतिकूलताओं को दूर करें, मकर संक्रांति की उड़ती पतंगें हमारे दिलों को उल्लास से भर दें और पोंगल की पारंपरिक मिठास उत्सव और खुशी के पल लेकर आए." भारत भर में मनाए जाने वाले ये पारंपरिक फसल उत्सव देश की विविधता में एकता को दर्शाते हैं. मकर संक्रांति, जिसे उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है, सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में संक्रमण का प्रतीक है. हर साल 14 जनवरी (या लीप वर्ष में 15 जनवरी) को मनाया जाने वाला यह त्यौहार सूर्य के उत्तर की ओर गति को दर्शाता है, जो सौर देवता सूर्य को समर्पित है और नई शुरुआत का प्रतीक है.
इस उत्सव को रंग-बिरंगी सजावट, पतंग उड़ाने और सामुदायिक समारोहों के साथ मनाया जाता है. कुछ क्षेत्रों में ग्रामीण बच्चे घर-घर जाकर गीत गाते हैं और मिठाइयाँ इकट्ठा करते हैं.
यह त्यौहार ऋतुओं में बदलाव का भी प्रतीक है, जो सर्दियों के जाने और वसंत के आगमन का संकेत देता है, जो दिलों को आशा और खुशी से भर देता है.