राष्ट्रपति के पास 'अनुच्छेद 370 का अस्तित्व समाप्त' घोषित करने की अधिसूचना जारी करने की शक्ति है : सुप्रीम कोर्ट

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 11-12-2023
D.Y. Chandrachud
D.Y. Chandrachud

 

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति के पास यह अधिसूचना जारी करने की शक्ति है कि जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा के भंग होने के बाद भी अनुच्छेद 370 का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा.भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा खंड 370(3) के तहत यह घोषणा करने का प्रभाव कि अनुच्छेद 370 का अस्तित्व समाप्त हो गया है, संविधान के प्रावधान जो हर दूसरे राज्य पर लागू होते हैं, वे जम्मू-कश्मीर राज्य पर भी समान रूप से लागू होंगे.

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह मानना कि अनुच्छेद 370(3) के तहत शक्ति का प्रयोग संविधान सभा के विघटन के बाद नहीं किया जा सकता है, इससे "प्रावधान शुरू करने के उद्देश्य के विपरीत एकीकरण की प्रक्रिया रुक जाएगी."

उन्होंने कहा, "यदि संविधान सभा के विघटन के संबंध में अनुच्छेद 370 की व्याख्या पर याचिकाकर्ताओं की दलील स्वीकार कर ली जाती है तो अनुच्छेद 370(3) निरर्थक हो जाएगा और अपना अस्थायी चरित्र खो देगा."

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि अनुच्छेद 370(3) के तहत शक्ति का प्रयोग किया जाना चाहिए या नहीं, यह तय करते समय राष्ट्रपति एक नीतिगत निर्णय है, जो पूरी तरह से कार्यपालिका के दायरे में आता है. उन्होंने कहा, "न्यायालय राष्ट्रपति के फैसले पर अपील नहीं कर सकता कि क्या जिन विशेष परिस्थितियों के कारण अनुच्छेद 370 के तहत व्यवस्था लागू हुई थी, उनका अस्तित्व समाप्त हो गया है."

सीजेआई चंद्रचूड़ ने माना कि अनुच्छेद 370(3) के तहत शक्ति का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति द्वारा जारी की गई घोषणा एकीकरण की प्रक्रिया की परिणति है और उन्होंने यह नहीं पाया कि अनुच्छेद 370(3) के तहत राष्ट्रपति द्वारा शक्ति का प्रयोग दुर्भावनापूर्ण था. 

 

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