आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सप्ताहांत में दिल्ली में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के पांचवें राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। इस दौरान सुव्यवस्थित और सतत संवाद के माध्यम से केंद्र-राज्य साझेदारी को और मजबूत करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों, नीति आयोग, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों के बीच हुए व्यापक विचार-विमर्श के आधार पर यह सम्मेलन ‘विकसित भारत के लिए मानव पूंजी’ विषय पर केंद्रित होगा। इसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों एवं रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी।
इस व्यापक विषय के अंतर्गत पांच प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष बल दिया जाएगा। ये क्षेत्र प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा, स्कूली शिक्षा, कौशल विकास, उच्च शिक्षा, खेल और पाठ्येतर गतिविधियां हैं जिन्हें विस्तृत चर्चा के लिए चुना गया है।
राज्यों में विनियमन में ढील; शासन में प्रौद्योगिकी: अवसर, जोखिम और शमन; स्मार्ट आपूर्ति श्रृंखला और बाजार संपर्क के लिए ‘एग्रीस्टैक’; एक राज्य, एक विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल; आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी तथा वामपंथी उग्रवाद के बाद के भविष्य की योजनाएं जैसे विषयों पर छह विशेष सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।
इसके साथ ही, विरासत और पांडुलिपियों के संरक्षण एवं डिजिटलीकरण तथा सभी के लिए आयुष-प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के वितरण में ज्ञान का एकीकरण जैसे विषयों पर केंद्रित विचार-विमर्श किया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि यह सम्मेलन राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं पर सुव्यवस्थित और सतत संवाद के जरिए केंद्र-राज्य साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है।