नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी की अदालत ने लाल किला विस्फोट मामले में दो आरोपियों की राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) हिरासत बढ़ा दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रशांत शर्मा ने आरोपी यासिर अहमद डार की हिरासत 10 और दिनों के लिए और डॉ. बिलाल नसीर मल्ला की हिरासत आठ और दिनों के लिए बढ़ा दी, ताकि एजेंसी उनसे विस्तृत पूछताछ कर सके।
एनआईए की जांच के अनुसार, उमर-उन-नबी 10 नवंबर को लाल किला में विस्फोटक से भरी कार चला रहा था और वह इस आतंकवादी हमले का कथित षड्यंत्रकारी था। इस विस्फोट में 15 लोगों की जान चली गई थी। एजेंसी ने डॉ. बिलाल नसीर मल्ला को 9 दिसंबर को गिरफ्तार किया था और उसे इस साजिश का मुख्य आरोपी बताया गया।
एनआईए का आरोप है कि मल्ला ने उमर-उन-नबी को सहायता प्रदान की और जानबूझकर उसे शरण दी। साथ ही उस पर सबूत नष्ट करने का भी आरोप है। एनआईए ने 18 दिसंबर को इस मामले में नौवें आरोपी यासिर अहमद डार को गिरफ्तार किया। डार जम्मू-कश्मीर का निवासी है और कथित रूप से उमर-उन-नबी का करीबी सहयोगी बताया गया है।
इस मामले में अब तक डॉ. मुजम्मिल गनई, डॉ. अदील राथेर, डॉ. शाहीन सईद समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अदालत की कार्यवाही के दौरान मीडिया कर्मियों को कार्यवाही कवर करने से रोक दिया गया था।
एनआईए का कहना है कि हिरासत बढ़ाने का उद्देश्य सभी आरोपियों से विस्तृत पूछताछ करना और विस्फोट के पीछे के नेटवर्क को उजागर करना है। एजेंसी जांच में यह पता लगा रही है कि किस तरह से विस्फोट की योजना बनाई गई, सहयोगी कौन थे और हथियार एवं विस्फोटक सामग्री कैसे जुटाई गई।
इस मामले की जांच लगातार जारी है और एनआईए ने कहा है कि सभी आरोपी आतंकवाद से जुड़े अपराधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। एजेंसी का उद्देश्य मामले के सभी पहलुओं की गहन जांच करना और दोषियों को न्याय के कठघरे में लाना है।