लखनऊ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को वीर बाल दिवस के अवसर पर कहा कि सिख गुरुओं का इतिहास भक्ति और साहस का अद्वितीय और उज्जवल मिश्रण है। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं की कुर्बानियों को नमन करते हुए मुग़ल शासक औरंगज़ेब ने गुरु तेग बहादुर को चुनौती देकर गलती की, क्योंकि “आज कोई औरंगज़ेब का नाम भी नहीं लेता, लेकिन 140 करोड़ भारतीय सिख गुरुओं के प्रति आभारी हैं।”
मुख्यमंत्री यह बातें अपने आधिकारिक आवास कालिदास मार्ग पर आयोजित कीर्तन समागम को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर साहिब श्री गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत पुण्यतिथि भी मनाई गई।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत में सिख गुरुओं का इतिहास असाधारण भक्ति और शक्ति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव ने संसाधनों की कमी के बावजूद मानवता के लिए कार्य किया और आध्यात्मिक अनुशासन की शक्ति का प्रदर्शन कर मानवता और समाज के लिए मार्गदर्शन प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री ने मुग़ल शासकों की आलोचना करते हुए कहा कि हालांकि जहीरुद्दीन ने गुरु अर्जन देव पर अत्याचार किया, फिर भी गुरु तेग बहादुर की आध्यात्मिक तेजस्विता के सामने वे टिक नहीं सके। उन्होंने कहा कि गुरुओं की कुर्बानियां धर्म और राष्ट्र दोनों के लिए थीं।
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 26 दिसंबर को मनाए जाने वाला वीर बाल दिवस हमें चार साहिबजादों – गुरु गोबिंद सिंह के पुत्र अजित सिंह, जुझर सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह – के त्याग और शहादत के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है।
अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर उन्होंने लिखा, “जो बोले सो निहाल! सत श्री अकाल!” मुख्यमंत्री ने कहा कि जब राष्ट्र अपनी भूमि और धर्म को सर्वोपरि रखता है, तभी उसका विकास संभव है। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं का इतिहास इस विकास और प्रगति का प्रमाण है।
कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं और नागरिकों ने गुरुओं के त्याग और साहस को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।