नई दिल्ली
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने बुधवार को माही-मांडवी छात्रावास में शाकाहारी और मांसाहारी छात्रों के लिए अलग-अलग बैठने की व्यवस्था शुरू किए जाने का कड़ा विरोध किया। छात्र संघ का आरोप है कि यह फैसला छात्रावास के अध्यक्ष ने लिया है, जो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से संबद्ध हैं। जेएनयूएसयू ने इस कदम को “विभाजनकारी” और “परेशान करने वाला” बताया है।
जेएनयूएसयू ने "हमारे छात्रावासों में कोई अलगाव नहीं" शीर्षक से एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा,“छात्र समुदाय के बीच सौहार्द तोड़ने की एक और कोशिश के तहत माही-मांडवी छात्रावास अध्यक्ष द्वारा मेस में शाकाहारी और मांसाहारी छात्रों के लिए अलग-अलग बैठने की व्यवस्था की गई है। यह छात्रावास के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।”
छात्र संघ ने आरोप लगाया कि यह एक समावेशी अकादमिक और सामाजिक वातावरण में "खाद्य आधारित भेदभाव" फैलाने की साजिश है। उन्होंने छात्र समुदाय से इस “विभाजनकारी नीति” का विरोध करने और एबीवीपी की "नफरत व अलगाव की राजनीति" को खारिज करने की अपील की।
जेएनयूएसयू ने इस फैसले के खिलाफ छात्रावास परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया और कहा कि यह मुद्दा उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष उठाया है।हालांकि इस पूरे घटनाक्रम पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।