विपक्ष ने एसआईआर के दूसरे चरण की घोषणा के बाद निर्वाचन आयोग की नीयत पर सवाल उठाया

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 27-10-2025
Opposition questions Election Commission's intentions after announcement of second phase of SIR
Opposition questions Election Commission's intentions after announcement of second phase of SIR

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दूसरे चरण की घोषणा के बाद सोमवार को निर्वाचन आयोग की नीयत पर सवाल खड़े किए और कहा कि वास्तविक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने के किसी भी प्रयास का विरोध किया जाएगा।
 
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को कहा कि बिहार के बाद अब देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद आगामी चार नवंबर से शुरू होगी और अंतिम मतदाता सूची अगले साल फरवरी में प्रकाशित होगी।
 
दूसरे चरण में छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में एसआईआर कराया जाएगा।
 
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘‘आज निर्वाचन आयोग ने 12 राज्यों में एसआईआर की घोषणा की। अभी तक बिहार में हुए एसआईआर से जुड़े सवालों के जवाब हमें नहीं मिले हैं। हालात ये थे कि एसआईआर को दुरुस्त करने के लिए उच्चतम न्यायालय को आगे आना पड़ा।’’
 
उनका कहना था कि बिहार के एसआईआर से निर्वाचन आयोग और भाजपा की नीयत पूरे देश के सामने आ चुकी है।
 
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘जब भी एसआईआर होता है, तो निर्वाचन आयोग के कर्मचारी हर घर जाते हैं, नए वोटरों को जोड़ते हैं और जिन्हें हटाना होता है, उन्हें हटाते हैं। राहुल गांधी जी द्वारा आलंद विधानसभा क्षेत्र (कर्नाटक) में ‘वोट चोरी’ का खुलासा किए जाने बाद एसआईटी ने बताया है कि मतदाता सूची से नाम काटने का एक केंद्रीकृत अभियान चलाया जा रहा था।’’
 
खेड़ा ने कहा, ‘‘इन सारे मामलों के बीच ऐसे आयोग द्वारा एसआईआर करवाना संदेह के घेरे में है, जिसकी नीयत, मंशा और विश्वसनीयता पर बहुत बड़ा सवालिया निशान है। जाहिर सी बात है कि विपक्ष और वोटर, दोनों ही संतुष्ट नहीं हैं।’’
 
तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि उसे आशंका है कि पश्चिम बंगाल में ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर पात्र मतदाताओं के नाम हटाने’’ के प्रयास किए जा सकते हैं, जबकि भाजपा का कहना है कि ‘‘किसी भी अवैध मतदाता को बख्शा नहीं जाएगा’’।
 
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी वास्तविक मतदाताओं को सूची से हटाने के किसी भी प्रयास का ‘‘लोकतांत्रिक तरीके से विरोध’’ करेगी।