नई दिल्ली
भारत द्वारा मंगलवार रात "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में आतंकी शिविरों पर किए गए सर्जिकल हमलों के बाद बुधवार को पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) के पास पुंछ और तंगधार जैसे सीमावर्ती इलाकों में नागरिक ठिकानों को निशाना बनाकर भीषण गोलाबारी की.
रक्षा सूत्रों के अनुसार, इस हमले में 15 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जबकि 43 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.पाकिस्तानी सेना की इस बर्बर कार्रवाई ने सीमाई गांवों में दहशत फैला दी। कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए, खिड़कियों के शीशे चकनाचूर हो गए और कई जगह दीवारें ढह गईं। पुंछ और तंगधार के स्थानीय नागरिक रातभर जान बचाकर इधर-उधर भागते रहे.
गुरुद्वारे पर हमला, तीन सिख श्रद्धालुओं की मौत
पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी के दौरान पुंछ के केंद्रीय गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा साहिब पर भी हमला किया गया, जिसमें तीन श्रद्धालु—अमरीक सिंह (रागी सिंह), अमरजीत सिंह और रंजीत सिंह शहीद हो गए. इस घटना को लेकर सिख समुदाय और राजनीतिक नेतृत्व में आक्रोश फैल गया है..
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने इसे "अमानवीय हमला" करार दिया और मांग की कि शहीदों को सम्मान दिया जाए तथा शोक-संतप्त परिवारों को पर्याप्त मुआवजा प्रदान किया जाए. उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कहा,"सिख हमेशा देश की तलवार की भुजा रहे हैं। अगर दुश्मन हमारे सम्मान को चुनौती देता है, तो हमें जवाब देना आता है."
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि,"गुरुद्वारा साहिब पर हमला और आम नागरिकों को निशाना बनाना पूरी तरह से निंदनीय है. यह कायरता का प्रतीक है। गुरु साहिब दिवंगत आत्माओं को अपने चरणों में स्थान दें."
जम्मू-कश्मीर में आपात बैठक
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सीमाई इलाकों में मौजूदा स्थिति को देखते हुए आपातकालीन बैठक बुलाई और अधिकारियों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.
इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को दिल्ली में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की परियोजनाओं के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए कहा कि,"भारतीय सशस्त्र बलों ने 'सटीकता, सतर्कता और संवेदनशीलता' के साथ ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया. हमारी कार्रवाई का उद्देश्य केवल आतंकवाद को निशाना बनाना था, न कि किसी नागरिक या पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को."
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और समर्थन से ऑपरेशन को सफल बनाया गया.इससे पहले दिन में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि पहलगाम में हुआ आतंकी हमला अत्यंत बर्बर था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई.
भारत ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के नौ ठिकानों को सटीकता के साथ ध्वस्त किया, जिनमें से चार पाकिस्तान में बहावलपुर, सियालकोट और मुरीदके में स्थित थे, जबकि पाँच ठिकाने पीओजेके में मौजूद थे.