नई दिल्ली
प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने पाकिस्तान स्थित सोशल मीडिया खातों द्वारा भारत के खिलाफ चलाए जा रहे एक और गलत सूचना अभियान का पर्दाफाश किया है.
यह अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद फैलाई जा रही अफवाहों की श्रृंखला का हिस्सा है, जिसमें झूठे दावे और पुराने वीडियो का उपयोग कर भारत के भीतर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है.
गुरुवार को पीआईबी फैक्ट चेक ने उस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि पंजाब के अमृतसर में एक सैन्य अड्डे पर पाकिस्तान की ओर से हमला हुआ है.
यह दावा शमिल जवानी (@ShamilJawani1) नामक एक पाकिस्तानी ट्विटर यूज़र द्वारा किया गया था, जिसमें #IndiaPakistanWar, #OperationSindoor और #Pakistan जैसे हैशटैग का उपयोग करते हुए ‘कई हताहतों’ और ‘गंभीर रूप से घायल जवानों’ की बात कही गई थी.
फैक्ट चेक टीम ने स्पष्ट किया कि उक्त वीडियो असली नहीं है, बल्कि 2024 में लगी एक जंगल की आग का पुराना क्लिप है, जिसका भारत के किसी सैन्य अड्डे या वर्तमान घटनाओं से कोई संबंध नहीं है.
पीआईबी ने इस वीडियो को "फर्जी" करार देते हुए इसे “पाकिस्तान प्रोपेगेंडा अलर्ट” घोषित किया और लोगों से आग्रह किया कि वे ऐसी भ्रामक और असत्यापित जानकारियों को साझा करने से बचें.
अपने आधिकारिक बयान में पीआईबी ने कहा,"पाकिस्तान स्थित सोशल मीडिया हैंडल अमृतसर सैन्य अड्डे पर झूठे हमले के दावे के साथ 2024 के जंगल की आग का वीडियो प्रसारित कर रहे हैं. #PIBFactCheck: यह वीडियो पूरी तरह फर्जी है। सटीक जानकारी के लिए केवल भारत सरकार के आधिकारिक स्रोतों पर विश्वास करें."
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर सफलतापूर्वक मिसाइल हमले किए गए. इसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर झूठ और भ्रम का वातावरण बनाकर भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश शुरू कर दी है.
पाकिस्तानी खातों द्वारा पुराने वीडियो, झूठी तस्वीरें और काल्पनिक दावे फैलाना कोई नई बात नहीं है. हाल ही में एक वायरल तस्वीर में यह दावा किया गया कि पाकिस्तान सेना ने बहावलपुर के पास एक भारतीय राफेल विमान को मार गिराया.
परंतु पीआईबी फैक्ट चेक ने पुष्टि की कि वह तस्वीर वास्तव में 2021 में पंजाब के मोगा में हुए मिग-21 विमान हादसे की है और वर्तमान घटनाओं से उसका कोई लेना-देना नहीं है.
यह सब पाकिस्तान की उसी पुरानी रणनीति को दर्शाता है — सूचना के क्षेत्र में इतनी अधिक झूठी सामग्री फैलाना कि सत्य और असत्य के बीच अंतर कर पाना कठिन हो जाए.