श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर)
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रामबन जिले में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन की भयावह घटना पर गहरा दुख जताया है. इस प्राकृतिक आपदा में कई घरों और वाहनों को नुकसान पहुंचा है, वहीं जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) पूरी तरह से बाधित हो गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बचाव और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और जल्द ही बहाली और पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा भी करेंगे। उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा:
“रामबन में हुए दुखद भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से बेहद व्यथित हूं, जिससे जान-माल का काफी नुकसान हुआ है. इस मुश्किल समय में मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं. हम स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं ताकि हर जरूरी स्थान पर तत्काल राहत और बचाव कार्य सुनिश्चित किया जा सके.”
उन्होंने आगे कहा कि जमीनी स्तर पर स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास प्राथमिकता पर हैं और लोगों से यात्रा पर निकलने से पहले सावधानी बरतने और मौसम संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की.
रविवार को लगातार तेज बारिश और ओलावृष्टि के चलते रामबन जिले में कई इलाकों में भूस्खलन हुआ, जिससे जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर यातायात पूरी तरह बंद हो गया है। डिप्टी ट्रैफिक इंस्पेक्टर जावेद कटारिया ने जानकारी देते हुए कहा:
“रामबन सेक्टर में राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध है. जब तक मौसम में सुधार नहीं होता और निकासी का कार्य पूरा नहीं हो जाता, तब तक इस मार्ग पर यात्रा न करें. लगातार बारिश के कारण इसके जल्दी खुलने की संभावना नहीं है.”
भूस्खलन की वजह से कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं और वाहनों को भारी नुकसान पहुंचा है. प्रशासन ने सभी नागरिकों को सावधानी बरतने, विशेषकर संवेदनशील इलाकों में अनावश्यक आवाजाही से बचने की सलाह दी है.
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अनुसार, जैसे ही हालात थोड़े सामान्य होंगे, वे स्वयं मौके पर जाकर राहत कार्यों की प्रगति और पुनर्निर्माण की योजनाओं की समीक्षा करेंगे.
यह प्राकृतिक आपदा जम्मू-कश्मीर के लिए एक गंभीर चुनौती बनकर सामने आई है. प्रशासन की सक्रियता और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राहत कार्यों से प्रभावित क्षेत्रों को जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है.