गुवाहाटी
पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ के बाद भारतीय सेना ने बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान (HADR) शुरू किया है। यह जानकारी बृहस्पतिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में दी गई।
सेना ने अब तक पूरे क्षेत्र में 40 राहत टुकड़ियां तैनात की हैं और कुल 3,820 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है।यह अभियान "ऑपरेशन जल राहत-2" के तहत असम, नागालैंड और मणिपुर में समन्वित रूप से चलाया जा रहा है।
बयान में कहा गया, "ये प्रयास मुख्यालय इंस्पेक्टर जनरल असम राइफल्स (उत्तर) के नेतृत्व में स्थानीय प्रशासन के सहयोग से किए जा रहे हैं।"सेना ने अब तक 1,361 खाद्य पैकेट वितरित किए, 15,421 पानी की बोतलें पहुंचाई और 2,095 लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान की है।
असम में सेना ने राज्य के ऊपरी जिलों में HADR अभियान सक्रिय किया, जहां गोलाघाट जिले में धनसिरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी।बयान में कहा गया, "हालांकि अब जलस्तर घटने लगा है, लेकिन भारतीय सेना स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर तत्काल कार्रवाई के लिए तैयार है।"
नागालैंड के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि डिमापुर जिले के उपायुक्त ने गुरुवार को सिंग्रिजन कॉलोनी, जो सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में से एक है, में तुरंत राहत कार्य के लिए सेना से सहायता मांगी थी।
बयान के अनुसार, "सेना ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए इंजीनियर टास्क फोर्स (ETF) टीम तैनात की। बाद में मौखिक रूप से राहत सहायता वापस लेने का अनुरोध मिला, लेकिन सेना मुख्यालय आईजीएआर (उत्तर) के बाढ़ राहत नियंत्रण केंद्र के माध्यम से संसाधनों के साथ अब भी standby पर है।"
मणिपुर में नंबोल नदी, जो इंफाल पश्चिम और बिष्णुपुर जिलों से होकर बहती है, भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी।बयान में कहा गया, "हालांकि अब बाढ़ का पानी उतरने लगा है, लेकिन सेना स्थानीय प्रशासन के सहयोग से राहत कार्यों में सक्रिय रूप से जुटी हुई है।"