Maulana Tauqeer Raza arrested amid violent clashes in Bareilly, 'I Love Muhammad' controversy escalates
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
बरेली में पैगंबर मोहम्मद को लेकर चल रही “I Love Muhammad” मुहिम के समर्थन में शुक्रवार की नमाज़ के बाद आयोजित जुलूस हिंसात्मक रूप ले गया। भारी भिड़ंत के बीच पुलिस ने मौरवी तौकीर रज़ा खां को गिरफ़्तार किया है. यह घटना प्रदेश में धार्मिक तनाव बढ़ने की चिंता को और बल दे रही है.
हिंसा और तनाव का दौर
बताया जा रहा है कि नमाज़ के बाद दर्जनों लोगों ने “I Love Muhammad” पोस्टर लेकर जुलूस निकाला. विरोध के स्वर सुनाई देने लगे और पुलिस ने crowd को नियंत्रित करने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंके और वाहनों को नुकसान पहुंचाया. पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। कम से कम 10 पुलिस कर्मी घायल हुए और लगभग 50 लोगों को हिरासत में लिया गया..
घटना के बाद प्रशासन ने इलाके को Section 163 के दायरे में रखा, जिसके तहत बिना अनुमति के प्रदर्शन पर रोक है.
तौकीर रज़ा की गिरफ़्तारी
तौकीर रज़ा, इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल के प्रमुख, जिनके आह्वान पर यह जुलूस आयोजित होने की सूचना है, को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
Free Press Journal की रिपोर्ट में कहा गया है कि तौकीर रज़ा को शनिवार को गिरफ़्तार किया गया और उन्हें पूछताछ के लिए राम रोड थाने ले जाया गया. उनकी गिरफ़्तारी को पुलिस द्वारा “झड़पों व उपद्रव की भूमिका पर कार्रवाई” के रूप में देखा जा रहा है.
राज्य और प्रशासन की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की कड़ी चेतावनी दी और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. DIG और पुलिस प्रशासन ने इसको “पूर्वनियोजित साजिश” कहा है और कहा है कि उपद्रवी पहले से तैयारी किए हुए थे. SSP बरेली Anurag Arya ने स्पष्ट किया कि पुलिस ने न्यूनतम बल का उपयोग किया और स्थिति नियंत्रण में लाई गई।
शांति की प्रत्याशा और सामान्यीकरण
शनिवार को शहर में अपेक्षित अपेक्षा के साथ शांति लौटने लगी। पुलिस ने विशेष निगरानी और सफाई अभियान शुरू किया. स्थानीय प्रशासन ने कॉल किया है कि अफवाहों से दूरी रखें और चैन बनाए रखें.
विश्लेषण: धार्मिक अभिव्यक्ति बनाम कानून व्यवस्था
‘I Love Muhammad’ जैसे नारा को धार्मिक भावनाओं की अभिव्यक्ति माना जाता है, लेकिन सार्वजनिक मंच पर इसके प्रदर्शन ने अराजकता को जन्म दिया है। इस विवाद ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि धार्मिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सार्वजनिक व्यवस्था के दायरे में कहाँ रेखा खींची जाए।
तौकीर रज़ा की गिरफ्तारी इस घटना की गंभीरता को दिखाती है। इसका प्रभाव न केवल बरेली बल्कि पूरे प्रदेश और देश में धार्मिक माहौल पर पड़ेगा।