मौलाना अरशद मदनी की हरिद्वार में महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी से मुलाकात, देश को एकजुट करने का उठाया बीड़ा
आवाज द वॉयस / नई दिल्ली
मौजूदा माहौल में जब दो धर्मों के बीच कलह डालकर दो समुदाय में दूरी पैदा करने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में भारतीय मुसलमानों की सबसे बड़ी तंजीम जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने महत्वपूर्ण पहल की है.
वह न केवल हरिद्वार गए, वहां आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी से मुलाकात की. इस दौरान उन्हांेने वर्षों के प्रयास से अपने द्वारा लिखी गई कुरान शरीफ आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी को पेश की.
साथ ही उनसे सांप्रदायिक सौहार्द के लिए एक साथ काम करने का वचन लिया. मुलाकात के दौरान दोनों धार्मिक गुरुओं की बीच कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा भी हुई.इस बीच कैलाशनंद गिरि ने मदनी को भगवा शॉल ओढ़ाया और उत्तराखंडी टोपी भेंट कर सम्मानित किया.
अरशद मदनी ने स्वामी कैलाशानंद गिरी को हिंदी में अनुवादित कुरान शरीफ भेंट करते हुए बताया कि वर्षों के प्रयास से उन्होंने इसे तैयार किया है, जिसमंे विस्तार से कुरान में लिखी गई बातें समझाई गई हैं.
मौलाना अरशद मदनी के अनुसार, हिंदू-मुसलमान पूरे देश में अमन-चौन से मिलजुल कर रहते हैं, लेकिन सियासी पार्टियां दोनों पक्षों के बीच विवाद खड़ा कर तनाव पैदा करती रहती हैं. उन्होंने कहा कि यदि दोनों धर्मगुरुओं की आवाज एक साथ उठेगी तो मुल्क में अमनो अमान कायम होगा. देश खुशहाल बनेगा.
जमीयत उलेमा ए हिंद एवं देवबंद मदरसा के सदर अरशद मदनी हरिद्वारा पहुंचकर सीधे श्री दक्षिण काली मंदिर गए और वहां निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि से मुलाकात की. स्वामी कैलाशानंद गिरि ने इस दौरान धर्मगुरु सैय्यद अरशद मदनी का शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया.
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने कहा कि धर्मगुरु जमीयत उलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी से धार्मिक मामलों पर सकारात्मक चर्चा हुई, जिसका देश और समाज में अच्छा संदेश जाएगा. उन्होंने कहा कि अरशद मदनी ने जबरन धर्मांतरण का विरोध किया और कॉमन सिविल कोड पर भी चर्चा की.
जमीयत उलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी से विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई. हिंदू-मुसलमान पूरे देश में अमन-चौन से मिलजुल कर रहते हैं, लेकिन सियासी पार्टियां दोनों पक्षों के बीच विवाद खड़ा करती रहती हैं. उन्होंने कहा कि यदि दोनों धर्मगुरुओं की आवाज एक साथ उठेगी तो मुल्क में अमन शांति आएगी.
जमीयत उलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि धर्म परिवर्तन जबरन नहीं हो सकता. धर्म परिवर्तन स्वयं की इच्छा से होता है. जबरन किए गए धर्म परिवर्तन का कोई एतबार नहीं.
कामन सिविल कोड पर कहा कि जब मुल्क आजाद हुआ तो सेक्यूलर दस्तूर बनाया गया. जिसका मतलब है कि हर आदमी को अपनी पसंद के मजहब को अपनाने का अधिकार है. किसी को किसी धर्म का पाबंद नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि वह कामन सिविल कोड से सहमत नहीं हैं.