रक्षाबंधन: जानिए क्यों हमेशा दाहिने हाथ पर बांधी जाती है राखी

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 08-08-2025
Raksha Bandhan decoded: Here's why Rakhi is always tied on the right hand
Raksha Bandhan decoded: Here's why Rakhi is always tied on the right hand

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली

रक्षाबंधन एक प्रिय हिंदू त्योहार है जो भाई-बहन के बीच के विशेष बंधन का जश्न मनाता है. "रक्षाबंधन" का अर्थ है "सुरक्षा का बंधन". इस दिन बहनें अपने भाइयों की आरती उतारती हैं और उनकी कलाई पर राखी नामक एक विशेष धागा बाँधती हैं. ऐसा कहा जाता है कि यह अनुष्ठान भाई को बुरी शक्तियों से बचाता है.

बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उन्हें हर समय सुरक्षित रखने की शपथ लेते हैं. इस वर्ष राखी का त्यौहार शनिवार, 9अगस्त 2025को मनाया जा रहा है.

हालाँकि, बहनें इस वचन के प्रतीक के रूप में भाई के हाथ पर एक पवित्र धागा लपेटती हैं. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि "राखी बाँधने के लिए दाहिने हाथ को ही क्यों प्राथमिकता दी जाती है?" इस प्रथा को कई सांस्कृतिक कारकों का समर्थन प्राप्त है. आइए इसके बारे में और जानें.

राखी किस हाथ में बाँधनी चाहिए?

हिंदू संस्कृति में दाहिने हाथ को बाएँ हाथ से अधिक शुभ माना जाता है. बहनों द्वारा अपने भाइयों की दाहिनी कलाई पर राखी बाँधकर अपने प्रेम का प्रदर्शन करना और उनके कल्याण के लिए प्रार्थना करना एक प्रतीकात्मक कार्य माना जाता है.

लेकिन वेदों के अनुसार, विवाहित महिलाओं को अपने बाएँ हाथ में कलावा बाँधना चाहिए, जबकि पुरुषों और अविवाहित महिलाओं को अपने दाहिने हाथ में रक्षासूत्र बाँधना चाहिए. कलावा बाँधते समय उस हाथ की मुट्ठी बंद रहनी चाहिए, जबकि दूसरा हाथ सिर पर रहना चाहिए.

मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से, हाथ पर कलावा (पवित्र धागा) बाँधने से ईश्वरीय उपस्थिति का आभास होता है, जिससे आत्मविश्वास बढ़ता है और मानसिक शांति मिलती है. यह भी ध्यान रखना ज़रूरी है कि भद्रा काल में धार्मिक कार्य वर्जित हैं. इस दौरान राखी की रस्में नहीं निभाई जाती हैं.

दाएँ हाथ पर राखी बाँधने के और भी कारण

राखी के दिन बहन सुबह जल्दी उठकर अपने भाई के लिए पूजा की थाली बनाती है. रस्म शुरू होते ही भाई को पूर्व दिशा की ओर मुख करके लकड़ी की चौकी पर बैठना चाहिए.

भाई के दाहिने हाथ पर राखी बाँधने के बाद, आरती की जाती है. यह आरती बहन की अपने भाई की दुर्भाग्य से रक्षा करने और उसके उज्जवल और स्वस्थ भविष्य की कामना को दर्शाती है. आइए, दाहिने हाथ पर राखी बाँधने के वैज्ञानिक महत्व की बारीकियों पर गौर करें.

नाड़ी शास्त्र के अनुसार, पिंगला, सुषुम्ना और इड़ा तीन नाड़ियाँ हैं जिनसे मानव शरीर निर्मित होता है. पिंगला नाड़ी, जो शरीर के दाहिनी ओर स्थित है, पहली नाड़ी है. इसके अतिरिक्त, दाहिने हाथ पर राखी बाँधने से भाई को शक्ति, स्फूर्ति और कार्यक्षमता प्राप्त होती है, जिससे उसकी क्षमता में वृद्धि होती है.

इसके अतिरिक्त, आयुर्वेदिक विज्ञान के अनुसार, दाहिना हाथ पित्त, वात और कफ दोषों पर नज़र रखता है. जब एक बहन अपने भाई के दाहिने हाथ पर राखी बाँधती है, तो ये सभी कारक मिलकर सुख और समृद्धि प्रदान करते हैं.

रक्षाबंधन पर भाई-बहन के बीच भावनाओं की पवित्रता का प्रतीक है. पवित्र धागा बाँधने से राखी और भी यादगार बन जाती है, जो भाई-बहनों को एक-दूसरे का साथ देने के अपने वादों और प्रतिज्ञाओं को याद दिलाने में मदद करती है.