मेनका गांधी ने आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 22-08-2025
Maneka Gandhi welcomed the Supreme Court's decision on stray dogs
Maneka Gandhi welcomed the Supreme Court's decision on stray dogs

 

नई दिल्ली

पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के उस फैसले का स्वागत किया, जिसमें देशभर में आवारा कुत्तों का बंध्याकरण, टीकाकरण करने और पकड़े जाने के बाद उन्हें वहीं छोड़ने का निर्देश दिया गया है।

मेनका गांधी ने इस फैसले को एक बहुप्रतीक्षित और वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित कदम करार दिया और कहा, “हम इस निर्णय से अत्यंत संतुष्ट हैं।”

यह प्रतिक्रिया उन्होंने उच्चतम न्यायालय की तीन-न्यायाधीशों वाली विशेष पीठ के उस आदेश पर दी, जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति विक्रम नाथ कर रहे थे।

उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को आश्रय स्थल से छोड़ने पर लगी रोक को संशोधित करते हुए कहा कि पकड़े गए कुत्तों का बंध्याकरण और टीकाकरण किया जाए और फिर उन्हें उनके उसी इलाके में वापस छोड़ दिया जाए।

पीठ ने नगर निगम अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि वे विशेष भोजन क्षेत्र बनाएं, जहां लोग आवारा कुत्तों को भोजन दे सकें।

पूर्व भाजपा सांसद मेनका गांधी ने बताया कि पहले कुत्तों को पकड़कर बंध्याकरण के बाद किसी अन्य जगह छोड़ने की प्रथा न तो उनकी संख्या नियंत्रित कर पाई और न ही कुत्तों के काटने की घटनाओं को कम कर पाई।

उन्होंने ‘पीटीआई-वीडियो’ से बातचीत में कहा, “कुत्तों को पकड़कर बंध्याकरण के बाद अनजान जगह छोड़ देना उनके लिए तनावपूर्ण होता है, वे डर जाते हैं और भूखे-प्यासे होने के कारण आक्रामक हो जाते हैं, इसलिए काटते हैं।”

मेनका गांधी ने कहा कि समस्या का समाधान यही है कि बंध्याकरण के बाद कुत्तों को उनके मूल स्थान पर ही छोड़ दिया जाए। उन्होंने कहा, “अगर आप उनकी संख्या कम करना चाहते हैं तो केवल बंध्याकरण से ही होगा, और काटने की घटनाओं को रोकना हो तो उन्हें उनकी जगह पर वापस छोड़ना होगा।”

उन्होंने यह भी बताया कि 25 साल पहले पशु कल्याण बोर्ड की नीति में भी सुझाव था कि आवारा कुत्तों को निश्चित जगहों पर खाना खिलाया जाए, जो लोगों के घरों से दूर हो।

उन्होंने कहा, “हर कॉलोनी में कुत्तों के लिए एक निश्चित खाना खिलाने का स्थान होना चाहिए। अगर संख्या ज्यादा हो तो दो स्थान बनाए जा सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि यह जगह किसी के घर के बाहर न हो।”

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि रेबीज से संक्रमित या आक्रामक कुत्तों को सड़कों पर न छोड़ा जाए बल्कि उन्हें उचित देखभाल में रखा जाए।