भारतीय राजदूत ने अमेरिकी सांसदों के साथ द्विपक्षीय व्यापार और ऊर्जा सुरक्षा पर चर्चा की

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 22-08-2025
Indian Ambassador discusses bilateral trade and energy security with US lawmakers
Indian Ambassador discusses bilateral trade and energy security with US lawmakers

 

न्यूयॉर्क

अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ (शुल्क) को लेकर चल रहे तनाव के बीच, भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने शुक्रवार को अमेरिकी सांसदों के साथ द्विपक्षीय व्यापार संबंधों और ऊर्जा सुरक्षा पर बातचीत की।

क्वात्रा ने सीनेटर बिल हेगर्टी से मुलाकात कर उन्हें भारत-अमेरिका साझेदारी के निरंतर और मजबूत समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि उन्होंने सीनेटर हेगर्टी को निष्पक्ष, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार संबंधों को लेकर जारी द्विपक्षीय चर्चा से अवगत कराया। साथ ही, हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बढ़ते व्यापार पर अपने विचार भी साझा किए।

भारतीय राजदूत ने अमेरिकी संसद सदस्य ग्रेग लैंड्समैन से भी सार्थक बातचीत की और द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के विकास के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस मुलाकात की जानकारी भी सोशल मीडिया पर साझा की, जिसमें उन्होंने ऊर्जा सुरक्षा और दोनों देशों के बीच बढ़ती हाइड्रोकार्बन साझेदारी पर चर्चा का उल्लेख किया।

इसके पहले, क्वात्रा ने ‘हाउस इंटेलिजेंस कमेटी’ की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी और साइबर उपसमिति के सदस्य, जोश गोटैमर से मुलाकात की। दोनों ने तेल और गैस के द्विपक्षीय व्यापार तथा पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापारिक संबंधों पर चर्चा की। क्वात्रा ने इस संबंध में भी सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की।

9 अगस्त से अब तक, क्वात्रा ने कुल 16 अमेरिकी सांसदों से मुलाकात की है, जो उनके सोशल मीडिया पोस्ट से पता चलता है। ये बैठकें उस समय हो रही हैं जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। इसमें रूस से तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत टैरिफ भी शामिल है, जो 27 अगस्त से लागू होगा।

भारत ने रूसी कच्चे तेल की खरीद का बचाव करते हुए कहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की जरूरतों के अनुसार होती है। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों ने मॉस्को पर प्रतिबंध लगाए थे, तब भारत ने छूट वाले रूसी तेल की खरीद शुरू की थी।