महाराष्ट्र सरकार ने रद्द की 300 करोड़ की बॉलीवुड थीम पार्क परियोजना, मंत्री आशीष शेलार का फैसला

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 15-10-2025
Maharashtra government cancels Rs 300 crore Bollywood theme park project, decision by minister Ashish Shelar
Maharashtra government cancels Rs 300 crore Bollywood theme park project, decision by minister Ashish Shelar

 

मुंबई

महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री आशीष शेलार ने मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) को 300 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली बॉलीवुड थीम पार्क परियोजना को रद्द करने का आदेश दिया है। यह पार्क बांद्रा पश्चिम से जुहू तक मेट्रो लाइन-2ए के वायाडक्ट (पुल) के नीचे प्रस्तावित था।

इस परियोजना का विरोध स्थानीय नागरिक समूहों और नेताओं द्वारा लगातार किया जा रहा था। विरोध के बाद मंत्री शेलार ने मंगलवार को एमएमआरडीए अधिकारियों के साथ बैठक कर यह निर्णय लिया।

शेलार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा:“बांद्रा पश्चिम से जुहू तक मेट्रो लाइन 2ए के नीचे प्रस्तावित बॉलीवुड थीम परियोजना को रद्द करने का फैसला लिया गया है। मैंने एमएमआरडीए को निर्देश दिया है कि इस पर प्रस्तावित राशि को नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ देने वाली अन्य विकास परियोजनाओं में उपयोग किया जाए।”

आशीष शेलार खुद बांद्रा पश्चिम विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं।इस परियोजना का विरोध करने वाले कांग्रेस नेता और पूर्व पार्षद आसिफ जकारिया ने इस फैसले को "जनता की जीत" बताया। उन्होंने कहा:“हमारे अभियान, हस्ताक्षर मुहिम और नागरिकों की आवाज़ ने आखिरकार काम किया। यह फिजूलखर्ची की परियोजना थी, जिसे रद्द करना जरूरी था।”

इस थीम पार्क का उद्देश्य भारतीय सिनेमा के इतिहास को दर्शाना था — 1913 में बनी ‘राजा हरिश्चंद्र’ से लेकर आधुनिक सिनेमा तक। शेलार की योजना थी कि मेट्रो लाइन के नीचे एक बॉलीवुड-विषयक सांस्कृतिक स्थल विकसित किया जाए जो फिल्म प्रेमियों और पर्यटकों को आकर्षित करे।

एमएमआरडीए ने इस प्रस्ताव को पहले मंजूरी दे दी थी, लेकिन अब इसे स्थगित कर रद्द कर दिया गया है। हालांकि, इस निर्णय पर एमएमआरडीए की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

मेट्रो लाइन 2बी, बांद्रा (पश्चिम), खार और जुहू जैसे इलाकों से होकर गुजरती है — जो मुंबई के प्रमुख फिल्मी केंद्र माने जाते हैं। बावजूद इसके, स्थानीय जनता ने इस परियोजना को अनावश्यक खर्च बताया और इसके बजाय बुनियादी सुविधाओं में निवेश की मांग की थी।