सपनों से सच्चाई तक: ये बच्चे हैं कलाम साहब की सोच के वारिस

Story by  अर्सला खान | Published by  [email protected] | Date 15-10-2025
Today's Kalam Birthday Special
Today's Kalam Birthday Special

 

अर्सला खान/नई दिल्ली

भारत आज अपने मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्मदिन मना रहा है. एक ऐसा दिन जब देश उस महान वैज्ञानिक और शिक्षक को याद करता है, जिसने लाखों युवाओं को सपने देखने और उन्हें साकार करने की प्रेरणा दी. कलाम साहब ने कहा था, “युवाओं के पास ही देश का भविष्य है, उनकी ऊर्जा को दिशा देना ही सबसे बड़ा राष्ट्रनिर्माण है.” आज, उसी ऊर्जा का प्रतीक हैं भारत के ये पाँच नन्हे प्रेरणास्त्रोत, जो अपनी प्रतिभा, दृढ़ता और समाज के प्रति संवेदनशील सोच से “कलाम के बच्चों” की मिसाल बन रहे हैं.

सोनू, सारिम, आरव, कीर्थाना और रिया...ये बच्चे आज की नई उम्मीद हैं, जो कलाम साहब की उस सोच को आगे बढ़ा रहे हैं कि “हर बच्चा अपने भीतर बदलाव की चिंगारी रखता है.” इन बच्चों के प्रयास साबित करते हैं कि कलाम का सपना अब सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि भारत की नई पीढ़ी के कर्मों में ज़िंदा है. आइये इस बच्चों के बारें में विस्तार से जानते हैं....
 
1. सोनू (नीमाकोल गांव, नालंदा, बिहार)
 
बिहार के नालंदा जिले के नीमाकोल गांव का 11 वर्षीय सोनू हाल में सुर्खियों में आया जब उसने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने अपने पिता की शराब पीने की शिकायत और अपनी पढ़ाई की परेशानी बेबाकी से रखी. 5वीं में पढ़ने वाला सोनू आईएएस बनने का सपना देखता है. उसके पिता दही बेचकर घर चलाते हैं, लेकिन सोनू का जज्बा बताता है कि हालात उसकी उड़ान को नहीं रोक सकते. उसकी सोच, “पढ़ाई ही इंसान को बदल सकती है,” डॉ. कलाम की शिक्षा की ही झलक है.
 
 

 
2. सारिम खान (उत्तर प्रदेश का ओरहा गांव)
 
उत्तर प्रदेश के किशोर सारिम खान अपने यूट्यूब चैनल “SK Wonder Kids” के ज़रिए गणित और विज्ञान के जटिल कॉन्सेप्ट्स को बच्चों के लिए आसान बनाते हैं. वह कहते हैं, “कलाम साहब ने हमें सिखाया कि ज्ञान बांटने से बढ़ता है.” डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में सारिम का योगदान ग्रामीण छात्रों तक गुणवत्तापूर्ण सीख पहुँचाने की दिशा में बड़ा कदम है.
 

 
3. आरव मेहता (मुंबई, महाराष्ट्र)
 
मुंबई के आरव मेहता विज्ञान और इनोवेशन में गहरी रुचि रखते हैं. उन्होंने सौर ऊर्जा से चलने वाला मिनी ड्रोन मॉडल बनाया, जिसे राष्ट्रीय विज्ञान मेले में सराहना मिली। आरव कहते हैं, “मैं कलाम साहब की तरह वैज्ञानिक बनकर देश को नई तकनीक देना चाहता हूं.” वह भारत के उस आत्मनिर्भर सपने का हिस्सा हैं जो विज्ञान से आगे बढ़ रहा है.
 
 
 
4. कीर्थाना (हैदराबाद, तेलंगाना)
 
तेलंगाना के एक छोटे से गांव में स्थित यह सरकारी पब्लिक स्कूल अपनी अनोखी पहचान रखता है क्योंकि यहां सिर्फ एक ही छात्रा कीर्थाना पढ़ती है. सरकार हर साल करीब 12 लाख रुपये इस स्कूल को चलाने पर खर्च करती है ताकि उसकी शिक्षा बाधित न हो. कीर्थाना रोज़ पूरे उत्साह के साथ अकेली कक्षा में पढ़ाई करती है, और उसकी लगन पूरे राज्य के लिए प्रेरणा बन गई है. इस बच्ची में पढ़ने की लगन है और ये बच्ची कलाम साहब से काफी इंस्पायर है.
 

 
5. रिया शर्मा (जयपुर, राजस्थान)
 
जयपुर की 14 वर्षीय रिया शर्मा “Green Steps” नाम से पर्यावरण अभियान चला रही हैं. स्कूलों में पौधारोपण और प्लास्टिक के उपयोग में कमी लाने के लिए उन्होंने कई परियोजनाएँ शुरू कीं. रिया कहती हैं, “मैंने ‘Wings of Fire’ पढ़ने के बाद तय किया कि मैं धरती के लिए कुछ करूंगी.” उनका लक्ष्य पर्यावरण वैज्ञानिक बनकर देश की हरित नीतियों को मजबूत करना है. साथ ही राजस्थान बोर्ड 2022, में रिया शर्मा जयपुर ग्रामीण में टॉपर रहीं, इन्होंने 97.80% रैंक हासिल की.