महाराष्ट्र: किसानों ने सरकार से प्याज की खरीद सीधे बाजार समितियों से करने का आग्रह किया

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 05-07-2025
Maharashtra: Farmers urge government to buy onions directly from market committees
Maharashtra: Farmers urge government to buy onions directly from market committees

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

महाराष्ट्र में प्याज उत्पादकों ने राज्य सरकार से किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के बजाय सीधे कृषि उपज बाजार समितियों (एपीएमसी) के माध्यम से प्याज खरीदने का आग्रह किया.
 
किसानों ने मौजूदा तंत्र में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. उन्होंने इस संबंध में और ‘गड़बड़ी’ को रोकने के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप तथा एपीएमसी-आधारित खरीद को प्राथमिकता देने के लिए प्याज खरीद दिशानिर्देशों को संशोधित करने की भी मांग की. भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) जैसी केंद्रीय एजेंसियां ​​पंजीकृत संगठनों के माध्यम से प्याज खरीदती हैं.
 
किसान संगठनों ने महाराष्ट्र सरकार को संबोधित करते हुए एक बयान में कहा, “किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से प्याज खरीदने से स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. कई वास्तविक किसान उचित मूल्य से वंचित हैं। इस प्रणाली से किसानों के बजाय बिचौलियों को लाभ होता है.”
 
संगठनों ने यह भी दावा किया कि किसान उत्पादक संगठन-आधारित मॉडल अपने इच्छित उद्देश्य को पूरा करने में विफल रहा है, जिससे वास्तविक किसानों को उचित मूल्य से वंचित होना पड़ रहा है. संगठन ने कहा कि कृषि उपज बाजार समितियों के माध्यम से सीधी खरीद से खुले बाजार में मूल्य निर्धारण सुनिश्चित होगा, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और अधिक पारदर्शिता आएगी, जिससे अंततः किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर भुगतान प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
 
किसान संगठनों ने कहा, “किसान उत्पादक संगठन आधारित मॉडल अपने इच्छित उद्देश्य को पूरा करने में विफल रहा है। केंद्र सरकार को गड़बड़ी रोकने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और कृषि उपज बाजार समिति आधारित खरीद को प्राथमिकता देने के लिए प्याज खरीद दिशानिर्देशों को संशोधित करना चाहिए. सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने भी केंद्र से औपचारिक रूप से अनुरोध किया है कि वह किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से खरीद करने के बजाय कृषि उपज बाजार समितियों के जरिये सीधी खरीद की अनुमति दे.