छत्रपति संभाजीनगर
महाराष्ट्र में अगले वर्ष होने वाले कुंभ मेले से पहले, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) नासिक ज़िले स्थित प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर का रासायनिक संरक्षण कार्य मानसून के बाद शुरू करेगा। यह जानकारी एक अधिकारी ने बुधवार को दी।
भगवान शिव को समर्पित त्र्यंबकेश्वर मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर नासिक शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है।हर 12 साल में एक बार आयोजित होने वाला सिंहस्थ कुंभ मेला 31 अक्टूबर 2026 से त्र्यंबकेश्वर और नासिक के रामकुंड में ध्वजारोहण के साथ शुरू होगा।
अधिकारी ने बताया, “देशभर से श्रद्धालु अगले साल कुंभ मेले के दौरान त्र्यंबकेश्वर मंदिर पहुंचेंगे। ASI को इस प्राचीन मंदिर के रासायनिक संरक्षण की मंजूरी मिल गई है।”
उन्होंने बताया कि ASI सबसे पहले मंदिर की सफाई का कार्य शुरू करेगा, जिसके बाद रासायनिक उपचार किया जाएगा। इस प्रक्रिया के दौरान मंदिर में आई छोटी-छोटी दरारों की मरम्मत भी की जाएगी। यह काम मानसून के बाद शुरू होगा और फरवरी 2026 तक पूरा होने की संभावना है।
गौरतलब है कि पिछले महीने महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन राज्य सरकार ने नासिक-त्र्यंबकेश्वर कुंभ मेला प्राधिकरण की स्थापना के लिए एक विधेयक भी पेश किया था।