तिरुवनंतपुरम. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को केरल पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एमआर ससींद्रनाथ को दूसरे वर्ष के छात्र की मौत के मामले में निलंबित कर दिया. तिरुवनंतपुरम के पूकोडे स्थित सरकारी पशु चिकित्सा कॉलेज के पीड़ित छात्र की पहचान जेएस सिद्धार्थ के रूप में की गई. वह 18 फरवरी को अपने छात्रावास के कमरे में लटका हुआ पाया गया था.
राज्यपाल ने निलंबन आदेश में कहा कि कुलपति एमआर ससींद्रनाथ द्वारा प्रदान की गई रिपोर्ट स्पष्ट रूप से उन घटनाओं के दौरान उनकी ओर से कर्तव्य की गंभीर लापरवाही को दर्शाती है, जिसके कारण 18 फरवरी को 20 वर्षीय सिद्धार्थ की मृत्यु हो गई.
राज्यपाल ने कुलपति की लापरवाही पर चिंता जताई और घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. रिपोर्ट में पीड़ित के पेट के खाली होने पर प्रकाश डाला गया है, जो 36 घंटों से अधिक समय तक भोजन और पेय से भयावह इनकार का सुझाव देता है. राज्यपाल ने इस बात पर अविश्वास जताया कि विश्वविद्यालय परिसर में ऐसी क्रूर गतिविधियां बिना किसी को पता चले हो सकती हैं.
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, ‘‘पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि यह पूरी तरह से हत्या का मामला है, रैगिंग का नहीं. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट (पीएम) में उसका पेट खाली दिखाया गया है, जिसका मतलब है कि उसे 36 घंटे से अधिक समय तक खाने या पीने की अनुमति नहीं थी. यह कैसे संभव है. विश्वविद्यालय परिसर के अंदर इस तरह की यातना और गतिविधि होती है, लेकिन विश्वविद्यालय के किसी भी व्यक्ति को इसके बारे में पता नहीं चलता?’’
इसके अलावा, राज्यपाल ने छात्र संगठनों, विशेष रूप से एसएफआई (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) की कथित भागीदारी पर प्रकाश डाला, जिसने कथित तौर पर विभिन्न गतिविधियों के लिए एक छात्रावास को अपने मुख्यालय में बदल दिया. उन्होंने लगभग तीन दिनों तक छाई रही चुप्पी पर भी सवाल उठाए और हाल तक चांसलर को मामले की सूचना नहीं देने के लिए विश्वविद्यालय की आलोचना की.
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, ‘‘प्रत्येक विश्वविद्यालय में, एसएफआई ने अपनी गतिविधियों के लिए छात्रावास को मुख्यालय में बदल दिया है. एसएफआई और पीएफआई एक साथ काम कर रहे हैं. मुझे वायनाड से रिपोर्ट मिली है कि इसमें शामिल कुछ लोग पीएफआई के समर्थक हैं. मैं पुलिस को दोष नहीं दूंगा. जब सत्तारूढ़ दल उन्हें अनुमति नहीं देता है, तो वे कैसे काम कर सकते हैं? यह विश्वविद्यालय के अधिकारियों की ओर से एक बड़ी विफलता है. यह अत्याचार लगभग 3 दिनों से जारी है और किसी को इसके बारे में पता नहीं है. इस मामले की रिपोर्ट करना विश्वविद्यालय का कर्तव्य था. इसलिए हमने कुलपति को निलंबित करने का फैसला किया.’’
1 मार्च को, पशु चिकित्सा छात्र के पिता टी. जयप्रकाश ने आरोप लगाया कि उनके बेटे (सिद्धार्थ) की मौत ‘एसएफआई के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा प्रायोजित’ हत्या लगती है. जयप्रकाश ने कहा कि सिद्धार्थ के एक दोस्त ने उन्हें बताया कि उनके बेटे की मौत एक सुनियोजित हत्या थी, उन्होंने कहा कि कॉलेज में ‘क्रूर रैगिंग’ नियमित है.
पुलिस के अनुसार, बीस वर्षीय जेएस सिद्धार्थ 18 फरवरी को अपने छात्रावास के कमरे में लटका हुआ पाया गया था. इससे पहले शुक्रवार को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी तिरुवनंतपुरम के नेदुमंगड में सिद्धार्थ के घर गए और उनके माता-पिता से मुलाकात की. परिवार ने दो दिन पहले राज्यपाल से मुलाकात कर घटना की शिकायत सौंपी थी.
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