संभल (उत्तर प्रदेश),
नगर पालिका परिषद के कार्यकारी अधिकारी मणि भूषण तिवारी ने बुधवार को बताया कि संभल शहर में सार्वजनिक सुरक्षा और शहर की निगरानी को बेहतर बनाने के लिए मजबूत सीसीटीवी निगरानी नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है। इसके तहत संवेदनशील और अधिक भीड़-भाड़ वाले 60 स्थानों पर 220 से अधिक कैमरे लगाए जा रहे हैं।
तिवारी ने एएनआई से बातचीत में कहा, “जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में हुई विकास समिति की बैठक में इस निगरानी पहल के लिए 2 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है। इस परियोजना के तहत नगर पालिका परिषद संभल कुल 227 कैमरे लगाएगी, जिनमें 10 ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) कैमरे, 8 PTZ (पैन-टिल्ट-जूम) कैमरे और बाकी कैमरे कोतवाली और संभल पुलिस थाना क्षेत्रों में लगाए जाएंगे।”
उन्होंने आगे बताया, “सभी कैमरे IP-एनाब्ल्ड होंगे और इनमें वॉयस रिकॉर्डिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। एक केंद्रीय कंट्रोल रूम ASP के कार्यालय में बनाया जा रहा है, जो तहसील, नगर पालिका परिसर और शहर के अन्य चौक-चौराहों पर स्थापित मॉनिटरिंग स्टेशनों से जुड़ा होगा।”
साइबर लेंस फर्म से जुड़े हर्षित शर्मा ने एएनआई से कहा कि कैमरे 60 पहचाने गए स्थानों पर लगाए जा रहे हैं, जिनमें प्रमुख सड़कें, ट्रैफिक चौराहे और शहर के प्रवेश-निर्गम स्थल शामिल हैं।
उन्होंने बताया, “अब तक करीब तीस स्थानों पर कैमरे लगाए जा चुके हैं। सभी कैमरों की स्थापना पूरी होने के बाद एक केंद्रीकृत कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जहां से सभी कैमरों की लाइव फुटेज देखी जा सकेगी।”
शर्मा ने आगे कहा, “जामा मस्जिद और अन्य संवेदनशील स्थानों के आसपास भी कैमरे लगाए गए हैं। कुल 224 कैमरों में से 206 सामान्य निगरानी के लिए फिक्स्ड लेंस कैमरे हैं, जबकि 8 PTZ कैमरे व्यापक कवरेज क्षमता के साथ लगाए गए हैं।”
उन्होंने बताया कि इस सिस्टम में ड्यूल रिकॉर्डिंग की सुविधा है—एक रिकॉर्डिंग कैमरे के स्थान पर और दूसरी कंट्रोल रूम में। इससे पूरे शहर की निगरानी बेहतर होगी, ट्रैफिक नियमों का पालन सख्ती से होगा और आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सकेगी।
तिवारी ने कहा कि भविष्य में इस नगरपालिका कंट्रोल रूम को ई-गवर्नेंस, ठोस कचरा प्रबंधन, बाढ़ प्रतिक्रिया और अन्य नागरिक सुविधाओं से भी जोड़ा जाएगा।
उन्होंने बताया, “विशेष परिस्थितियों में वरिष्ठ अधिकारी भी कैमरा फुटेज तक पहुंच सकेंगे। इससे कानून व्यवस्था बनाए रखने और शहर में सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी।”