कश्मीर: देशभर के मुस्लिम नेताओं और विद्वानों ने पर्यटकों के नरसंहार की कड़ी निंदा की

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 23-04-2025
Kashmir: Muslim leaders and scholars across the country strongly condemn the massacre of tourists
Kashmir: Muslim leaders and scholars across the country strongly condemn the massacre of tourists

 

 

 

 

नई दिल्ली

कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल पहलगाम के पास स्थित बेसरन घाटी में मंगलवार दोपहर आतंकवादियों द्वारा किए गए अंधाधुंध गोलीबारी हमले में कम से कम 28 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। हमलावरों ने विशेष रूप से उन पर्यटकों को निशाना बनाया जो विभिन्न क्षेत्रों से कश्मीर आए थे। इस हमले में दो विदेशी पर्यटक और दो स्थानीय लोग भी शामिल हैं। घटना की निंदा देश भर के नेताओं, विद्वानों और धार्मिक गुरुओं ने की है, जिन्होंने इसे "अमानवीय", "बर्बर" और "क्रूर" करार दिया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की प्रतिक्रिया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे असहनीय बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, "जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुआ आतंकवादी हमला चौंकाने वाला और दर्दनाक है। यह एक क्रूर और अमानवीय कृत्य है जिसे बिना किसी संदेह के निंदा की जानी चाहिए।"

प्रधानमंत्री मोदी का बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि आतंकवाद से लड़ने का भारत का संकल्प मजबूत है। उन्होंने कहा, "मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं।

मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। हमलावरों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।" इस हमले के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री को तात्कालिक जानकारी दी और श्रीनगर रवाना हो गए हैं, जहां वे सुरक्षा समीक्षा बैठक करेंगे।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बयान

कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस हमले को "मानवता के खिलाफ अपराध" बताते हुए कहा, "हमारे मेहमानों पर यह हमला शैतानी कृत्य है। इस कायराना हमले के दोषी इंसान नहीं हो सकते।" उन्होंने राज्य के अस्पतालों में घायलों के इलाज की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मंत्री सकीना इतो को भेजा है।

अजमेर शरीफ के सज्जादानशीन नसीरुद्दीन चिश्ती की प्रतिक्रिया

अजमेर शरीफ दरगाह के सज्जादानशीन नसीरुद्दीन चिश्ती ने भी इस हमले की निंदा की और कहा, "यह कायरतापूर्ण और क्रूर कृत्य न केवल मानवता पर एक काला धब्बा है, बल्कि इस्लाम के मूल सिद्धांतों का भी उल्लंघन है।" उन्होंने भारत सरकार से आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की और इसे देश की सुरक्षा के लिए जरूरी बताया।

गुलाम नबी आज़ाद ने पाकिस्तान पर आरोप लगाए

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद ने इस हमले को पाकिस्तान की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा, "जब भी पाकिस्तान में सरकार कमजोर होती है, तो वह भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देता है। यह हमला कश्मीरियों की आजीविका छीनने का प्रयास है।" उन्होंने देश के नागरिकों से अपील की कि वे पाकिस्तान के इस कायराना कृत्य के खिलाफ एकजुट हों और इस हमले के बाद हिंदू-मुसलमान के बीच कोई संघर्ष न हो।

कश्मीर में स्थानीय विरोध प्रदर्शन

हमले के बाद कश्मीर के पहलगाम में स्थानीय लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ मोमबत्ती मार्च निकाला और हमले की कड़ी निंदा की। मार्च में नागरिकों ने "आतंकवाद अस्वीकार्य है", "निर्दोषों का नरसंहार बंद करो" जैसे नारे लगाए। उन्होंने सरकार से हमलावरों को जल्द से जल्द पकड़ने की मांग की।

हक इंसाफ काउंसिल का कैंडल मार्च

हक इंसाफ काउंसिल ने पुंछ में एक कैंडल मार्च का आयोजन किया, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और न्याय की मांग की गई। काउंसिल के अध्यक्ष एडवोकेट जीशान सैयद ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह हमला कश्मीर के बढ़ते पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया है। उन्होंने भारत सरकार से पाकिस्तान के आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का आह्वान किया।

कश्मीर में पर्यटकों पर हुए इस हमले ने देश भर में शोक की लहर दौड़ा दी है। नेताओं, विद्वानों और कश्मीरी नागरिकों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है। कश्मीर के शांति और स्थिरता के लिए अब और मजबूत कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। देश का हर नागरिक, चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम, इस कायरतापूर्ण हमले के खिलाफ एकजुट होकर पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना होगा।