भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध: प्रधानमंत्री मोदी

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 03-05-2025
India committed to taking decisive action against terrorism: PM Modi
India committed to taking decisive action against terrorism: PM Modi

 

आवाज द वॉयस /नई दिल्ली

 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर एक बार फिर भारत के कठोर रुख की पुष्टि करते हुए शनिवार को कहा कि देश आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.
 
मोदी ने यह घोषणा चार दिवसीय यात्रा पर भारत आए अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लॉरेन्को के साथ चर्चा के बाद की. उन्होंने अपने मीडिया वक्तव्य में कहा, ‘‘हम आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वालों के खिलाफ दृढ़ एवं निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’’ जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है तथा प्रधानमंत्री मोदी आतंकवादियों और उनके समर्थकों को दंडित करने की बात कह चुके हैं. बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने सहित पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं.
 
इसी क्रम में भारत ने आज हवाई और जमीनी मार्गों के माध्यम से पाकिस्तान के साथ सभी श्रेणियों की डाक और पार्सल सेवा बंद करने का निर्णय किया. सेवाओं को स्थगित करने का आदेश डाक विभाग द्वारा जारी किया गया, जो संचार मंत्रालय के अधीन कार्य करता है. लॉरेन्को के साथ मुलाकात में मोदी ने अंगोला के रक्षा बलों के लिए 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता की घोषणा भी की.
 
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अंगोला के रक्षा बलों के आधुनिकीकरण के लिए भारत की 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रक्षा ऋण सहायता की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है.’’ प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि रक्षा उपकरणों की आपूर्ति पर भी चर्चा हुई. मोदी ने कहा कि भारत जन-उपयोगी डिजिटल अवसंरचना, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में भी अंगोला के साथ अपनी क्षमताओं को साझा करेगा.
 
उन्होंने कहा, ‘‘हमने स्वास्थ्य सेवा, हीरा प्रसंस्करण, उर्वरक और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्रों में अपने संबंधों को और मजबूत करने का भी निर्णय लिया है.’’ मोदी ने भारत और अफ्रीकी संघ के संबंधों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘हम प्रगति में साझेदार हैं, हम ‘ग्लोबल साउथ’ के आधार हैं.’’ ‘ग्लोबल साउथ’ का अभिप्राय विकासशील और अल्प-विकसित देशों से है जो अधिकतर दक्षिणी गोलार्ध में स्थित हैं.