नई दिल्ली
भारत और अंगोला के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों को नई ऊर्जा देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लौरेंको की ऐतिहासिक भारत यात्रा के दौरान रक्षा क्षेत्र में 200 मिलियन डॉलर की ऋण सुविधा देने की घोषणा की है.
इस यात्रा को लेकर जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) दम्मू रवि ने कहा कि, “दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग पर विशेष जोर दिया गया है.
प्रधानमंत्री ने अंगोला को भारतीय रुपये में 200 मिलियन डॉलर की रक्षा ऋण सुविधा की पेशकश की है, जिसके तहत वे भारत से रक्षा उपकरण खरीदेंगे. अंगोला की सरकार पहले ही भारतीय सार्वजनिक और निजी रक्षा कंपनियों के संपर्क में है.”
उन्होंने कहा कि अंगोला के पास बड़ी मात्रा में सोवियत कालीन रक्षा उपकरण मौजूद हैं, जिन्हें मरम्मत और ओवरहॉलिंग की जरूरत है. भारत इस दिशा में तकनीकी सहायता देने के लिए तैयार है और दोनों देशों के विशेषज्ञ इसपर विस्तृत बातचीत करेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “राष्ट्रपति लौरेंको की यह यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा और गति दे रही है.
यह केवल भारत-अंगोला नहीं, बल्कि भारत-अफ्रीका साझेदारी को भी मजबूत कर रही है. भारत और अंगोला इस वर्ष अपने राजनयिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, लेकिन हमारे संबंध इससे कहीं अधिक गहरे और ऐतिहासिक हैं। जब अंगोला अपनी स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहा था, भारत उसके साथ मजबूती से खड़ा था.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अंगोला के तेल और गैस का एक प्रमुख खरीदार है और दोनों देशों ने इस ऊर्जा साझेदारी को और विस्तार देने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा, “अंगोला के सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए 200 मिलियन डॉलर की रक्षा ऋण सुविधा देने की मुझे खुशी है.
रक्षा उपकरणों की मरम्मत, ओवरहॉल और प्रशिक्षण में भी भारत सहयोग करेगा.”मोदी ने यह भी कहा कि भारत अंगोला को डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, अंतरिक्ष तकनीक और क्षमता निर्माण में भी सहयोग प्रदान करेगा.
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सेवा, हीरा प्रसंस्करण, उर्वरक और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे क्षेत्रों में भी साझेदारी को और प्रगाढ़ करने का निर्णय लिया गया है.
प्रधानमंत्री ने अंगोला में योग और बॉलीवुड की लोकप्रियता का उल्लेख करते हुए दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों की सराहना की। उन्होंने बताया कि भारत और अंगोला युवाओं के बीच एक नए "युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम" की शुरुआत करेंगे.
मोदी ने अंगोला के अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने के फैसले का स्वागत किया और उसे आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन, बिग कैट अलायंस और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का भी हिस्सा बनने का न्योता दिया.
आतंकवाद पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “हम दोनों इस बात पर सहमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। मैंने पहलगाम हमले में हुए नुकसान पर अंगोला के समर्थन और संवेदना के लिए राष्ट्रपति लौरेंको का आभार व्यक्त किया. हम सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
प्रधानमंत्री मोदी ने अफ्रीकी संघ की अध्यक्षता के लिए अंगोला को शुभकामनाएं दीं और याद दिलाया कि भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्यता दी गई थी.
उन्होंने कहा, “भारत और अफ्रीकी देशों ने उपनिवेशवाद के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाई थी और आज हम वैश्विक दक्षिण के हितों की वकालत करने में साझेदार हैं.”
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दशक में भारत ने अफ्रीका में 17 नए दूतावास खोले हैं, 12 अरब डॉलर से अधिक की क्रेडिट लाइनें दी गई हैं और 700 मिलियन डॉलर की अनुदान सहायता दी गई है. अफ्रीका में 8 व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र भी खोले गए हैं.