राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-बेलगावी
कर्नाटक में जहां हिजाब विवाद ने जन्म लिया है. वह केवल विवादों की धरती नहीं हैं, यहां लोग गंगा-जमुनी तहजीब में रचे-बचे हुए हैं और आपसी भाईचारे के साथ सदियों से रहते आ रहे हैं. सौहार्द की एक घटना में यहां मुस्लिम युवकों के एक समूह ने शुक्रवार को बेलागवी में दुर्घटनावश मरने वाली 10 वर्षीय बच्ची का अंतिम संस्कार किया.
दहिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, 10 वर्षीय विद्याश्री हेगड़े गुरुवार को वीरभद्रेश्वर नगर में अपने घर की छत से गिर गई थीं, जब वह फूल तोड़ने का प्रयास कर रही थीं. आर्थिक तंगी के कारण, उसकी माँ उसे अस्पताल की फीस नहीं दे सकती थी. नगर निगम के सदस्य बबजन मटावाले और रियाज किल्लेदार सहित उनके पड़ोसियों ने बच्चे को केएलई सोसायटी के प्रभाकर कोरे अस्पताल में भर्ती कराया. हालांकि शुक्रवार को उसकी मौत हो गई.
पड़ोसी शव को अस्पताल से घर लाए और हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार सदाशिव नगर कब्रिस्तान में दफनाया. हिंदू रीति के अनुसार बच्चों का दाह संस्कार की जगह दफनाया जाता है. इमरान फतेखान, शहीद पठान, सलमान मंगलकट्टे और राजू शेख ने अनुष्ठान का आयोजन किया. उन्हें शांता कुमार जैसे पारिवारिक मित्रों का समर्थन प्राप्त था.
मटावाले ने कहा, ‘‘लड़की मेरे परिवार के सदस्य की तरह थी. हम सभी उनके निधन से बहुत दुखी हैं.’’ उन्होंने कहा कि वह और उनके दोस्त कोरोना-19 लॉकडाउन के दौरान बेलगावी में हिंदू और ईसाई परिवारों के कई शवों के दाह संस्कार और दफनाने में शामिल थे और यह उससे अलग नहीं था.