नई दिल्ली. जमात-ए-इस्लामी हिंद ने लाउडस्पीकर पर अजान पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली जनहित याचिका को खारिज करने पर गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है.एक बयान में, जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष मलिक मोहताशिम खान ने उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और जबरदस्त इस्लामोफोबिया की ओर इशारा किया.
उन्होंने कहा, ‘‘मंदिरों और अन्य धार्मिक जुलूसों में भजन या आरती के दौरान तेज संगीत को अनदेखा और सामान्य अजान पर चयनात्मक नाराजगी धार्मिक पूर्वाग्रह और इस्लामोफोबिया की बू आती है, जो दुर्भाग्य से, हमारी राजनीतिक व्यवस्था में स्थानिक होती जा रही है. भारत में धार्मिक सहिष्णुता और सांप्रदायिक सौहार्द का गौरवशाली इतिहास रहा है. हम भारत के लोगों से अपील करते हैं कि वे उन लोगों के बहकावे में न आएं, जो नफरत फैलाना चाहते हैं और अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए धर्म का दुरुपयोग करना चाहते हैं.’’
बयान में आगे कहा गया कि अजान मुसलमानों को मस्जिदों में सामूहिक प्रार्थना के लिए बुलाने का एक कार्य है.
29 नवंबर को, गुजरात हाईकोर्ट ने अजान के दौरान लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका को ‘पूरी तरह से गलत’ बताया. याचिका बजरंग दल के एक नेता ने दायर की थी जिसमें दावा किया गया था कि अजान से ‘ध्वनि प्रदूषण’ होता है जिससे बच्चों और बुजुर्गों को असुविधा होती है.
मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल की खंडपीठ ने कहा, ‘‘हम यह समझने में विफल हैं कि सुबह लाउडस्पीकर के माध्यम से अजान देने वाली मानव आवाज ध्वनि प्रदूषण पैदा करने की सीमा तक डेसीबल (स्तर) कैसे प्राप्त कर सकती है, जिससे बड़े पैमाने पर लोगों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है.’’
ये भी पढ़ें : राजस्थान का मुस्लिम बहुल धनूरी गांव, फौजियों की खान
ये भी पढ़ें : जयपुर म्यूजिक स्टेज 2024 प्रारंभ, अलिफ मोहम्मद मुनीम देंगे प्रस्तुति
ये भी पढ़ें : हज़रत निजामुद्दीन की दिव्यांग अदिबा अली ने राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में जीता गोल्ड