अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के अनुरोध पर भारत ने रूसी तेल आयात ‘कम करना शुरू किया’ : व्हाइट हाउस

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 24-10-2025
India 'began reducing' Russian oil imports at US President Trump's request: White House
India 'began reducing' Russian oil imports at US President Trump's request: White House

 

वाशिंगटन
 
व्हाइट हाउस ने दावा किया है कि भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुरोध पर रूस से तेल आयात को “कम करना शुरू कर दिया” है।
 
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “अगर आप रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को देखें, तो वे काफी सख्त हैं।”
 
वह यह बात रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों — रोसनेफ्ट और लुकोइल — पर बुधवार को लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के संदर्भ में कह रही थीं। ये प्रतिबंध रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच मॉस्को के प्रमुख राजस्व स्रोतों को सीमित करने के प्रयास का हिस्सा हैं।
 
लेविट ने कहा, “मैंने कुछ अंतरराष्ट्रीय खबरें देखी हैं जिनमें कहा गया है कि चीन रूस से तेल की खरीद घटा रहा है; हमें पता है कि भारत ने भी राष्ट्रपति के अनुरोध पर ऐसा किया है।”
 
उन्होंने बताया कि वाशिंगटन ने अपने यूरोपीय सहयोगियों से भी रूसी तेल आयात घटाने का आग्रह किया है, जिसे उन्होंने मॉस्को के युद्ध-वित्तपोषण चैनलों के खिलाफ एक “पूर्ण दबाव अभियान” बताया।
 
अमेरिकी प्रशासन पिछले कुछ दिनों से दावा कर रहा है कि भारत ने रूस से तेल आयात में उल्लेखनीय कमी लाने का आश्वासन दिया है।
 
भारत हालांकि लगातार यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा नीति उसके राष्ट्रीय हितों द्वारा निर्देशित होती है — विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए कि उसके उपभोक्ताओं को सस्ती और सुरक्षित ऊर्जा आपूर्ति मिले।
 
अमेरिका का कहना है कि रूस से कच्चा तेल खरीदकर भारत, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन युद्ध के लिए आर्थिक सहायता दे रहा है।
 
भारत और अमेरिका के बीच बीच संबंध हाल के दिनों में तनावपूर्ण हो गए हैं, खासकर तब जब ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर शुल्क दोगुना, 50 प्रतिशत तक कर दिया, जिसमें रूस से तेल खरीदने पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क भी शामिल है। भारत ने इस अमेरिकी कार्रवाई को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अविवेकी” बताया है।
 
लेविट ने कहा कि ट्रंप ने पहले ही संकेत दिया था कि वह रूस के खिलाफ “उचित और आवश्यक समय आने पर कार्रवाई करेंगे — और कल वही दिन था।”
 
उन्होंने कहा कि ट्रंप “काफी समय से” पुतिन के प्रति नाराज़गी व्यक्त करते रहे हैं क्योंकि पुतिन “शांति समझौते की दिशा में पर्याप्त रुचि या पहल नहीं दिखा रहे थे।”
 
ट्रंप और पुतिन की इस वर्ष के अंत में हंगरी में बैठक प्रस्तावित थी, लेकिन अब इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
 
लेविट ने कहा कि दोनों नेताओं की बैठक “पूरी तरह से टली नहीं है” और “भविष्य में किसी समय फिर हो सकती है।”