आवाज द वॉयस /नई दिल्ली
'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के बाद से पाकिस्तान बौखला गया है. बुधवार की रात पाकिस्तानी फौज ने 15 भारतीय शहरों पर मिसाइल से हमला करने की कोशिश की. हालांकि, भारतीय रक्षा प्रणाली ने इन सभी हमलों को नाकाम कर दिया. इस दौरान विदेश मंत्रालय ने एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करके तनाव को नियंत्रित करने के लिए विस्तार से जानकारी दी.
कर्नल सोफिया कुरैशी ने क्या कहा?
कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया, "8-9 मई की मध्यरात्रि को पाकिस्तानी सेना ने सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के इरादे से पूरी पश्चिमी सेना पर भारतीय वायुक्षेत्र का कई बार उल्लंघन किया. साथ ही कर्नल सोफिया ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर भारी कैलिबर वाले हथियारों से गोलीबारी भी की. अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर 36 जगहों पर 300-400 ड्रोनों का इस्तेमाल घुसपैठ के लिया किया गया। भारत ने इनमें से कई ड्रोन को मार गिराया."
विक्रम मिसरी ने क्या क्या बताया
भारत के विदेश मंत्रालय सचिव विक्रम मिसरी ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बताया, "यह सिलसिला 22 अप्रैल से पहलगाम के हमले से शुरू हुआ है. उसका जवाब भारत ने कल अपने एक्शन से दिया है. दिलचस्प बात यह है कि संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा समिति में जब पहलगाम हमले को लेकर एक प्रेस वक्तव्य जारी करने की बात चल रही थी, तो सोचिए तो किस देश ने टीआरएफ को मेंशन किए जाने का विरोध किया. टीआरएफ वही संगठन था, जिसने पहलगाम हमले की एक नहीं, दो बार जिम्मेदारी ली थी. जब उसके आकाओं को लगा कि मामला गर्म हो रहा तो उसने अपना नाम वापस ले लिया." उन्होंने कहा कि भारत का रिस्पॉन्स पूरी तरह से संयमित है. हम मामले को बढ़ाना नहीं चाहते हैं. सारे टारगेट बहुत चुनिंदा तरीके से हिट किए गए हैं.
पाकिस्तान का पाप गिनवाया
विक्रम मिसरी ने कहा कि पाकिस्तान पहलगाम पर जांच कमिटी की बात करता है, लेकिन उसका ट्रैक रेकॉर्ड उसकी मंशा को जाहिर करता है. मुंबई और पठानकोट अटैक समेत कई आतंकी हमलों में भारत ने पाकिस्तान को कई सबूत दिए हैं. उनके मास्टरमाइंड को न्याय के दायरे में लाने की बात कही, लेकिन पाकिस्तान ने कभी कोई कार्रवाई नहीं की. भारत के विदेश मंत्रालय सचिव विक्रम मिसरी ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बताया, "यह सिलसिला 22 अप्रैल से पहलगाम के हमले से शुरू हुआ है. उसका जवाब भारत ने कल अपने एक्शन से दिया है. दिलचस्प बात यह है कि संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा समिति में जब पहलगाम हमले को लेकर एक प्रेस वक्तव्य जारी करने की बात चल रही थी, तो सोचिए तो किस देश ने टीआरएफ को मेंशन किए जाने का विरोध किया. टीआरएफ वही संगठन था, जिसने पहलगाम हमले की एक नहीं, दो बार जिम्मेदारी ली थी. जब उसके आकाओं को लगा कि मामला गर्म हो रहा तो उसने अपना नाम वापस ले लिया." उन्होंने कहा कि भारत का रिस्पॉन्स पूरी तरह से संयमित है. हम मामले को बढ़ाना नहीं चाहते हैं. सारे टारगेट बहुत चुनिंदा तरीके से हिट किए गए हैं.