आवाज द वॉयस /मुंबई
विद्रोही शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे. वह आज शाम मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. एक दिन पहले उद्धव ठाकरे के इस्तीफ के बाद महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की 31महीने की सरकार का अंत हो गया.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात के बाद गुरुवार को यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि शिंदे का महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण समारोह आज शाम साढ़े सात बजे होगा.
फडणवीस ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, एकनाथ शिंदे होंगे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री. शपथ समारोह आज शाम साढ़े सात बजे होगा. उन्होंने कहा, वह सरकार में शामिल नहीं हो रहे हैं, पर बाद में बीजेपी के विधायक सरकार का हिस्सा होंगे.
वर्तमान में 288सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के 106और शिंदे शिवसेना के 39बागी विधायक हैं. कुछ निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन का दावा किया गया है. हाल में शिवसेना के एक विधायक की मृत्यु के बाद, विधानसभा की वर्तमान संख्या घटकर 287रह गई है. इस प्रकार बहुमत का आंकड़ा 144है.
महाराष्ट्र विधान परिषद चुनावों के बाद उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व कर रहे शिंदे ने आज फडणवीस से उनके आवास पर मुलाकात की.इससे पहले शिंदे खेमे के एक प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि विद्रोहियों ने शिंदे को सरकार में कैबिनेट बर्थ-शेयरिंग पर निर्णय लेने का पूरा अधिकार दिया है. उन्होंने कहा कि हमने कैबिनेट बर्थ के लिए नहीं, राज्य के विकास के लिए विद्रोह किया.
भाजपा के साथ विभागों के बंटवारे पर शिंदे ने कहा कि कोई चर्चा नहीं हुई है, लेकिन जल्द ही बातचीत होगी.महाराष्ट्र विधानसभा सचिव राजेंद्र भागवत ने राज्य के सभी विधायकों को सूचित किया है कि राज्यपाल के आदेश के अनुसार, गुरुवार को होने वाला विशेष सत्र अब नहीं बुलाया जाएगा.
महाराष्ट्र विधानसभा के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत ने एक सर्कुलर में सभी राज्य विधायकों को सूचित किया कि राज्यपाल के आदेश के अनुसार, अब फ्लोर टेस्ट की कोई आवश्यकता नहीं है, इसलिए आज का विशेष सत्र नहीं बुलाया जाएगा.
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा बुलाई गई फ्लोर टेस्ट को शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.शीर्ष अदालत ने, हालांकि, फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और अपने अवलोकन में कहा कि लोकतंत्र के इन मुद्दों को सुलझाने का एकमात्र तरीका सदन पटल है.
बुधवार को शीर्ष अदालत के आदेश के बाद, ठाकरे ने सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य के लोगों को संबोधित किया जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में और विधान परिषद के सदस्य के रूप में पद छोड़ने की घोषणा की.
ठाकरे, जिनकी पार्टी के आंतरिक विद्रोह ने एमवीए सरकार को गिरा दिया, ने कहा कि वह अप्रत्याशित तरीके से सत्ता में आए और इसी तरह से बाहर जा रहे हैं मैं अप्रत्याशित तरीके से (सत्ता में) आया था और मैं उसी तरह से बाहर जा रहा हूं. मैं हमेशा के लिए नहीं जा रहा हूं. मैं यहां रहूंगा और मैं एक बार फिर शिवसेना भवन में बैठूंगा. मैं सीएम और एमएलसी के रूप में इस्तीफा दे रहा हूं.
2019 के विधानसभा चुनावों के बाद महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के बाद ठाकरे मुख्यमंत्री बने थे. शिवसेना नेतृत्व का अपनी चुनाव पूर्व सहयोगी भाजपा से मतभेद था और वह मुख्यमंत्री का पद चाहता था.