‘उन्नीसवीं सदी का इंस्टाग्राम’ : 'पटना कलम' की दुर्लभ कलाकृतियों का शहर के संग्रहालय में प्रदर्शन

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 21-12-2025
'Instagram of the 19th century': Rare artefacts of 'Patna Kalam' displayed at city museum
'Instagram of the 19th century': Rare artefacts of 'Patna Kalam' displayed at city museum

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
दुनिया में फोटोग्राफी के आगमन से पहले, 'पटना कलम' शैली के चित्रकार अपनी कला के जरिये सामाजिक परिवेश को दर्शाते थे, आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को दर्ज करते थे और त्योहारों तथा धार्मिक समारोहों के सार को चित्रों में उतारते थे। लेकिन, 19वीं शताब्दी में पटना में फली-फूली चित्रकला की यह प्रसिद्ध शैली आज काफी हद तक भुला दी गई है।
 
पटना संग्रहालय में वर्तमान में 'पटना कलम: एक विरासत' शीर्षक से इन दिनों एक प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है। प्रदर्शनी में इस चित्रकला शैली के कुछ दुर्लभ संरक्षित नमूने प्रदर्शित किये जा रहे हैं। इसका उद्देश्य इस कला की विरासत को पुनर्जीवित करना और लोगों को इस अब लगभग लुप्त हो चुकी कला शैली से परिचित कराना है।
 
बिहार संग्रहालय के अतिरिक्त निदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘हमने लगभग 130 वस्तुएं प्रदर्शित की हैं, जिनमें कागज, माइका (अभ्रक), हाथीदांत जैसे विभिन्न माध्यमों पर निर्मित पटना कलम शैली की कलाकृतियां और 45 पृष्ठों वाला एक एल्बम शामिल है, जो संभवत: 1850-56 के दौर का है। ’’
 
प्रदर्शित वस्तुएं मुख्यतः पटना संग्रहालय के पुराने संग्रहों से ली गई हैं।
 
सिन्हा ने बताया कि इनमें एक निजी संग्रहकर्ता और 'पटना कलम' के कलाकार हुलास लाल के वंशज द्वारा दी गई कलाकृतियां भी शामिल हैं।
 
सिन्हा ने कहा कि हालांकि इस तरह की कलाकृतियों के कुछ निजी संग्रहकर्ता हैं, और पटना में अतीत में संभवत: लंबे समय से भुला दी गई इस शैली की कुछ प्रदर्शनियां आयोजित की गई होंगी, लेकिन यह पहली बार है कि 'पटना कलम' की चित्रकला को इतने बड़े पैमाने पर संग्रहालय में प्रदर्शित किया जा रहा है।
 
'पटना कलम' की उत्पत्ति 18वीं सदी में हुई मानी जाती है। ईस्ट इंडिया कंपनी के शासनकाल से लेकर ब्रिटिश राज तक, इसे मुख्य रूप से अंग्रेजों का संरक्षण प्राप्त था।
 
ब्रिटेन के कुछ संग्रहालयों और पुस्तकालयों में भी 'पटना कलम' की कलाकृतियां रखी हुई हैं।
 
हुलास लाल के अलावा, शिव लाल और ईश्वरी प्रसाद सहित अन्य कलाकार 'पटना कलम' के प्रमुख कलाकार थे।