आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
लंदन के टैविस्टॉक स्क्वायर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के चबूतरे को कुछ दिन पहले नुकसान पहुंचाये जाने के बाद, बृहस्पतिवार को गांधी जयंती पर वार्षिक समारोह के आयोजन से ठीक पहले फिर से पूर्व जैसा कर दिया गया.
भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने कहा कि प्रतिमा को विरूपित करने के बाद स्थानीय समुदाय का एकजुट होना, अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के समय एक प्रेरणादायक संदेश का प्रतीक है। इस घटना की सूचना रविवार शाम मेट्रोपोलिटन पुलिस को दी गई थी.
दोरईस्वामी के साथ, 50 वर्ष पहले इस प्रतिमा की स्थापना में सहयोग करने वाले ‘इंडिया लीग’ के सदस्य तथा स्थानीय कैमडेन काउंसिल के मेयर भी थे जो इस स्मारक की देखभाल करते हैं.
दोरईस्वामी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह कार्यक्रम आज होना खास तौर पर इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस है, जो गांधी जयंती भी है। साथ ही, कुछ दिन पहले प्रतिमा और उसके चबूतरे के साथ जो कुछ किया गया, वह भी इसका कारण है।’’
उन्होंने कहा, "यह विशेष रूप से दुखद है, क्योंकि यह प्रतिमा इस स्थान पर 50 वर्षों से अधिक समय से है और यह भारत-ब्रिटेन मैत्री का हिस्सा रही है।"
उच्चायुक्त ने कहा कि टैविस्टॉक स्क्वायर के आसपास रहने वाले लोगों ने प्रतिमा को विरूपित किये जाने की सूचना दी थी और उच्चायोग एवं कैमडेन काउंसिल की टीम ने मिलकर प्रतिमा को फिर से पहले जैसा कर दिया।
‘इंडिया लीग’ के अध्यक्ष अल्पेश पटेल ने कहा कि प्रतिमा को विरूपित करने वाले ने यह याद दिलाया कि महात्मा गांधी का संदेश और शांति एवं अहिंसा के मूल्य आज भी महत्वपूर्ण हैं।
कैमडेन के मेयर एडी हैन्सन ने कहा कि जब उन्हें और उनकी टीम को प्रतिमा को विरूपित किये जाने के बारे में पता चला तो बहुत दुख हुआ। उन्होंने कहा कि पुलिस नस्लीय विद्वेष से जुड़े अपराध के रूप में इस घटना की जांच कर रही है।
समारोह का समापन लंदन स्थित भारतीय विद्या भवन के विद्यार्थियों द्वारा गांधीजी के प्रिय भजन 'रघुपति राघव' और 'वैष्णव जन' तथा बौद्ध भिक्षुओं द्वारा शांति प्रार्थना के साथ हुआ।
परंपरा के अनुसार, सभा में शामिल लोग फिर वेस्टमिंस्टर की ओर बढ़े, जहां पार्लियामेंट स्क्वायर में स्थित गांधीजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।