बुराई के चेहरे: सिनेमा के खलनायक बने रावण के प्रतीक

Story by  अर्सला खान | Published by  [email protected] | Date 02-10-2025
Dussehra Special 2025: Bollywood villain Ravan
Dussehra Special 2025: Bollywood villain Ravan

 

अर्सला खान/नई दिल्ली

हर साल दशहरे पर रावण दहन होता है. सीता हरण और अहंकार के प्रतीक रावण को जलाकर समाज यह संदेश देता है कि बुराई चाहे कितनी भी ताक़तवर क्यों न हो, अंत में सत्य और अच्छाई की ही जीत होती है. इस साल एक अनोखी कल्पना की गई. अगर हिंदी सिनेमा के महान खलनायक मिलकर एक ही ‘महाविलेन रावण’ का रूप धारण करें तो कैसा होगा?

इस कल्पना में रावण के दस सिर और दस अलग-अलग बुराइयों की जगह पर हिंदी फिल्मों के दस दिग्गज खलनायक खड़े हैं. हर खलनायक अपने अंदाज़, आवाज़, संवाद और हावभाव के साथ एक सिर बन जाता है.
 
शक्ति कपूर – मोहक लेकिन खतरनाक सिर

शक्ति कपूर ने अपने खलनायकी करियर में ‘क्राइम मास्टर गोगो’ से लेकर ‘बालमा’ जैसे चरित्र निभाए. उनका सिर रावण के उस हिस्से की तरह है जो लोगों को अपने मीठे बोल से फंसाता है लेकिन भीतर से खतरनाक योजनाएं बनाता है.
 

कुलभूषण खरबंदा – चालाक योजनाकार

‘शाकाल’ का गंजा सिर, शार्क वाले टैंक और ठंडी मुस्कान. यह सिर रावण के उस चेहरे का प्रतीक है जो योजनाएं बनाता है, दुश्मनों को जाल में फंसाता है और सत्ता के खेल में माहिर है.
 

अमज़द ख़ान – दरिंदगी और सत्ता का घमंड.

गब्बर सिंह के डायलॉग्स – “कितने आदमी थे?”  रावण के उस सिर की तरह हैं जो आतंक और डर का साम्राज्य बनाता है, जनता पर राज करता है और अपनी हंसी से दिल दहला देता है.
 

 
के.एन. सिंह – रहस्यमयी ठंडक

उनकी आंखें, धीमी चाल और शतरंजी चालाकी रावण के उस सिर की याद दिलाती हैं जो बिना शोर किए विरोधी को मात दे देता है.
 

कन्हैया लाल – मासूमियत में छुपी लालच

‘सुखीलाल’ जैसे किरदारों में उन्होंने दिखाया कि कैसे लालच इंसान को बदल देता है. यह सिर रावण के लालच का प्रतीक है जो हर हाल में अधिक चाहता है.
 

 
 
रंजीत – महिलाओं को परेशान करने वाला सिर

रंजीत के खलनायक रूप में एक आम पैटर्न था. महिलाओं को परेशान करना. यह सिर रावण के उस रूप जैसा है जिसने सीता हरण किया – स्त्री की स्वतंत्रता पर वार करने वाला.
 

प्रेम चोपड़ा – मुस्कान में छुपा ज़हर

“प्रेम नाम है मेरा... प्रेम चोपड़ा” उनका सिर रावण के उस हिस्से जैसा है जो मुस्कान में जहर छुपाकर, मीठी बातों से वार करता है.
 

प्राण – सत्ता का असली धुरंधर

प्राण की खलनायकी, उनका असरदार व्यक्तित्व और तीखी आंखें रावण के उस सिर का प्रतीक हैं जो खुद को अजेय समझता है.
 

जीवन – तांत्रिक और षड्यंत्रकारी सिर

जीवन का तांत्रिक अवतार, ‘नागिन’ जैसी फिल्मों में उनके मंत्र–जाप रावण के उस सिर जैसे हैं जो काले जादू और छल-कपट में विश्वास करता है.
 

गुलशन ग्रोवर – स्टाइलिश बुराई

‘बैड मैन’ के नाम से मशहूर गुलशन ग्रोवर रावण के उस सिर जैसे हैं जो समय के साथ बदलते हुए भी अपनी खलनायकी नहीं छोड़ता, बल्कि उसे फैशन बना देता है.
 

 
इस तरह जब ये सारे खलनायक मिलते हैं तो ‘महाविलेन रावण’ तैयार होता है. सत्ता, लालच, छल, वासना, हिंसा, काला जादू, मीठा ज़हर, डर और फैशन के साथ बुराई का सम्मिलित चेहरा.
 
रावण दहन के मंच पर यह महाविलेन खड़ा है, दस सिर, दस अलग-अलग खलनायक, लेकिन जैसे हर साल राम की तरह अच्छाई आती है और रावण का दहन करती है, वैसे ही सिनेमा में भी हीरो जीतता है. यह रूपक बताता है कि चाहे बुराई कितने ही चेहरों में आए, अंत में अच्छाई और सच्चाई ही उसका अंत करती है.