लोकसभा में संविधान पर बहस: राजनाथ सिंह ने कहा, विपक्ष ने कई बार संसद का अपमान किया है

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 13-12-2024
Debate on Constitution in LS: Oppn has insulted Parliament many times, says Rajnath Singh
Debate on Constitution in LS: Oppn has insulted Parliament many times, says Rajnath Singh

 

नई दिल्ली
 
संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में शुक्रवार को लोकसभा में दो दिवसीय विशेष चर्चा शुरू हुई, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बहस की शुरुआत की.
 
उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत 2021 के संसद आतंकी हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि देकर की.
 
रक्षा मंत्री ने संविधान की सराहना की और इसे देश को एकजुट, लोकतांत्रिक और आत्मनिर्भर बनाए रखने का रोडमैप बताया.
 
"हम भारत के लोगों ने 26 नवंबर 1949 को संविधान को अपनाया था...मैं इस सदन और देश के सभी नागरिकों को संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने के अवसर पर हार्दिक बधाई देता हूं...मैं कह सकता हूं कि हमारा संविधान सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं को छूकर राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है..."
 
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने इसे "राजनीतिक रंग" देने का प्रयास किया.
 
सिंह ने कहा, "भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक के लिए एक नैतिक दिशा-निर्देश है और प्रत्येक व्यक्ति को पहचान की एक मजबूत भावना प्रदान करता है." उन्होंने कहा कि कई लोग इसे औपनिवेशिक शासन की देन और पश्चिमी सभ्यताओं के कई संविधानों की अच्छाइयों का मिश्रण बताने की कोशिश करते हैं. राजनाथ सिंह ने कहा, "संविधान के निर्माण में कई लोगों की भूमिका को नजरअंदाज कर दिया गया. यह स्वतंत्रता आंदोलन की पवित्र अग्नि से पैदा हुआ था, इसकी जड़ें सैनिकों के खून से पोषित हुई थीं." रक्षा मंत्री ने कहा कि संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति का हिस्सा नहीं रहे कई लोगों ने इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया. 
 
उन्होंने मदन मोहन मालवीय, लाला लाजपत राय, भगत सिंह और वीर सावरकर का नाम लिया. उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने वर्षों से सरकार की रक्षा के लिए काम किया है और संविधान के महत्वपूर्ण तत्वों को ध्यान में रखते हुए कई प्रमुख योजनाएं विकसित की गई हैं. मंत्री ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि इसने कई मौकों पर संविधान का अपमान किया है. कांग्रेस का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि एक पार्टी ने संविधान को हाईजैक करने का काम किया है. हमारा संविधान एक अच्छी तरह से तैयार और मजबूत ढांचा है जो हमारे सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन के हर पहलू को छूता है. उन्होंने कहा, "यह राष्ट्र के निर्माण में मार्गदर्शक शक्ति के रूप में कार्य करता है, सहकारी संघवाद और राष्ट्रीय एकता सुनिश्चित करता है. यह विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को भारत के लोगों के कल्याण के लिए मिलकर काम करने का अधिकार देता है." 
 
"संविधान भारत को एक आदर्श राष्ट्र बनाने का रोडमैप बना हुआ है. हालाँकि, हाल के वर्षों में, यह धारणा बनाने का प्रयास किया गया है कि संविधान एक विशेष राजनीतिक दल की विरासत है. मंत्री ने कहा, "ऐसे दावे संविधान सभा के सामूहिक प्रयासों और इसके निर्माण में योगदान देने वाले अनगिनत व्यक्तियों के बलिदान को कमतर आंकते हैं..." प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 दिसंबर की शाम को समापन भाषण देंगे. शुक्रवार के सत्र का एक मुख्य आकर्षण प्रियंका गांधी वाड्रा का पहला भाषण होगा. 
 
सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के प्रमुख सदस्य, जिनमें एच.डी. कुमारस्वामी, श्रीकांत शिंदे, शांभवी चौधरी, राजकुमार सांगवान, जितेन राम मांझी, अनुप्रिया पटेल और राजीव रंजन सिंह शामिल हैं, के भी बहस में भाग लेने की उम्मीद है. विपक्षी नेता जैसे डीएमके के टी.आर. बालू और ए. राजा, साथ ही तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा के भाग लेने की संभावना है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने इस महत्वपूर्ण सत्र के दौरान अपने सदस्यों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए 'तीन-लाइन व्हिप' जारी किया है. संविधान पर इसी तरह की बहस सोमवार और मंगलवार को राज्यसभा में होगी, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह चर्चा का नेतृत्व करेंगे.